उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बीते एक सप्ताह से हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. दर्जनभर हाथियों के झुंड ने किसानों की फसलों के साथ-साथ उनके घरों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. जंगल से सटे गांव सैजना में एक गरीब मजदूर के घर को गुरुवार देर रात हाथियों ने तहस-नहस कर दिया. इतना ही नहीं घर में रखे राशन समेत कई सामग्रियों को हाथियों ने रौंद डाला.
नेपाल और उत्तराखंड से निकलकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के जरिए हाथी माला रेंज तक पहुंचे हैं. हाथियों के समूह ने किसानों का बड़ा नुकसान किया है. पिछले पांच दिन से माला रेंज में डेरा जमाए हाथी, अब जंगल से सटे किसानों के घर तक पहुंच रहे हैं. माला रेंज के स्टाफ ने रात में हाथियों को रोकने के लिए पहले पटाखे जलाए, फिर जगह-जगह आग लगाई लेकिन हाथियों का झुंड नहीं रुका.
रात के अंधेरे में हाथियों का झुंड फिर से वापस अपनी जगह आ गया. वन कर्मचारियों का कहना है कि हाथियों को खदेड़ने का सही समय दिन में है. एक बड़ी टीम का गठन कर हाथी के झुंड को शोर मचाकर ढोल बजाकर और पटाखों की आवाज से भगाया जा सकता है.
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हाथियों को भगाने की कोशिश कर रहे वनकर्मी
हाथियों को भगाने के लिए माला, महोफ और बराही में तैनात स्टाफ ने कई जगहों पर अलाव जलाकर हाथियों को खदेड़ने की कोशिश की. बीते कई दिनों से माला रेलवे स्टेशन के आस-पास ही हाथियों ने डेरा जमाया था लेकिन गुरुवार देर रात करीब 10 बजे हाथियों का झुंड माधोटांडा रोड क्रॉस कर धमेला कंपार्टमेंट की ओर पहुंच गया.
घरों को तबाह कर रहे हैं हाथी
हाथियों के झुंड की वजह से सड़क पर रास्ता भी ब्लॉक हो गया. वहां हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों के जाने के बाद रास्ता खोला गया. इसी दिन देर रात हाथियों ने मरौरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले सैजना गांव में भी उत्पात मचाया. किसानों की फसलों को हाथियों ने रौंद डाला, वहीं एक किसान गिरीश चंद्र की झोपड़ी को तहस-नहस कर दिया.
दहशत में हैं स्थाई किसान
हाथियों के हमले में किसी तरह गिरीश चंद्र और उनके परिजन ने जंगलों का रुख किया और जान बचाई. हाथी अभी झमेला कंपार्टमेंट में ही अपना डेरा जमाए हुए हैं. हाथियों की मौजूदगी से क्षेत्र के किसानों में दहशत का माहौल है और उन्होंने खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है. वन विभाग के अधिकारी हाथियों को खदेड़ने का दावा कर रहे हैं लेकिन दावे नाकाम साबित हो रहे हैं.
सपा नेता ने किया प्रभावित इलाके का दौरा
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता हेमराज ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने पीड़ितों से वादा किया कि सरकार से बातचीत कर मुआवजा दिलाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने टूटे घर और तबाह फसलों का भी जायजा लिया.
19-20 हाथियों के झुंड का कहर!
ग्रामीणों और वनकर्मियों का कहना है कि 19 से 20 हाथियों ने इस जंगल में दस्तक दी है. ये दिनभर जंगल में रहते हैं, वहीं रात में बाहर निकलते हैं. इस दौरान जो भी रास्ते में पड़ता है, उसे तबाह करते चलते हैं. वन मित्र अतुल सिंह का कहना है कि हर साल नेपाल और उत्तराखंड से हाथी आते थे और जल्दी वापस चले जाते थे. लेकिन इस बार इनकी संख्या भी ज्यादा है और कई दिन से रुके हुए हैं.
2 साल पहले भी हाथियों ने मचाया था उत्पात
गौरतलब है कि 2 साल पहले नेपाली हाथियों ने जाकर जमकर उत्पात मचाया था और भी रामपुर की सीमा तक गए थे. वहां उन्होंने कई किसानों को कुचल दिया था. मुश्किल से वन विभाग को इन हाथियों को उत्तराखंड की ओर खदेड़ने में कामयाबी मिली थी.