प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक और फ्लाईओवर हादसा हुआ है. वाराणसी में 16 दिन के बाद यह दूसरा फ्लाईओवर हादसा है. यहां बाबतपुर रोड पर बन रहे फ्लाईओवर की एक प्लेट सड़क पर आ गिरी.
हालांकि, निर्माणाधीन फ्लाईओवर से प्लेट के गिरने से किसी प्रकार के जानमाल की हानि की सूचना नहीं है. लेकिन प्लेट के गिरने के बाद कार्यस्थल पर फ्लाईओवर कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
#SpotVisuals Plate of an under-construction flyover on Babatpur road in #Varanasi falls. No injuries reported. More details awaited pic.twitter.com/8kc38nLYLB
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2018
कुछ ही दिनों के भीतर दूसरा हादसा होने से एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि सड़क पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे लोगों की सुरक्षा के लिए आखिर क्या इंतजाम किए गए थे? सतर्कता क्यों नहीं बरती गई?
जिलाधिकारी ने दिये मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
वाराणसी में बाबतपुर फोर लेन सड़क चौड़ीकरण में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के दौरान तरना के पास कंक्रीट सेटरिंग प्लेट खुलने की घटना की जांच होगी. जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है. उन्होंने उक्त घटना की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी नगर वीरेन्द्र पाण्डेय को जांच अधिकारी नामित करते हुए शीघ्र जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया है.
बता दें कि 15 मई को ही वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा जमीन पर गिर गया था. इस भयानक हादसे में कई वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौके पर पहुंचे थे और वहां के लोगों का हाल जाना था.
इसके बाद सीएम योगी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था और 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी. साथ ही मामले में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह और केआर सूदान और एक अन्य राज्य सेतु निगम के एक अन्य कर्मचारी लालचंद को सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि, इस मामले की जांच को लेकर किसी प्रकार की जानकारी अभी तक नहीं है.