‘साहब! मैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार का सदस्य व राजनीति से भी संबंध रखता हूं. मेरी हत्या की साजिश गांव के ही दबंग व्यक्ति रच रहे हैं.' यह बात क्षेत्र के सौंह गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बद्री प्रसाद तिवारी के पुत्र राकेश तिवारी ने एक शिकायती पत्र में कही है. उन्होंने पत्र पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद, महानिरीक्षक, पुलिस महानिदेशक लखनऊ, गृह सचिव उत्तर प्रदेश, गृहमंत्री भारत सरकार व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजा है.
पीड़ित राकेश तिवारी ने बताया कि गांव के ही रमेश पुत्र शिवराम तिवारी अपने अन्य पांच साथियों के साथ रास्ते में जबरन पांच हजार की नकदी, पैनकार्ड, चश्मा आदि छीन लेने के बाद जान से मारना चाहते थे, लेकिन प्रार्थी किसी प्रकार जान बचाकर भाग गया. तत्काल घटना की जानकारी थानाध्यक्ष कल्याणपुर को दी और आरोपियों को दंडित कर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन न तो उस दबंगों को दंडित किया गया और न ही मुकदमा दर्ज हुआ.
नतीजा यह कि दबंगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और वे जान से मारने की साजिश रच रहे हैं. पीड़ित ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जांच कराकर कार्रवाई की गुहार लगाई है.
- इनपुट IANS से