प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नोएडा में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर दिया. इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ की दूरी सिर्फ 45 मिनट में तय की जा सकेगी. हालांकि नोएडा से जुड़े मिथ के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
नोएडा से एक अजीब तरह का अंधविश्वास जुड़ा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि बीते 25 वर्षों में जब-जब कोई मुख्यमंत्री नोएडा गया, वह अगली बार सत्ता में नहीं लौटा. अखिलेश को नोएडा जाने के कई मौके मिले, लेकिन वह नहीं गए.
दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाए ये नेता
गौरतलब है कि 2011 में बसपा की मुखिया मायावती ने इस अंधविश्वास को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह 2012 का विधानसभा चुनाव हार गईं. इससे पूर्व वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, राम प्रकाश गुप्ता और कल्याण सिंह जैसे दिग्गज भी उस सूची में शामिल हैं, जो नोएडा गए और अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाए.
दादरी कांड के बाद भी नहीं आए थे अखिलेश
ग्रेटर नोएडा में हुए दादरी कांड के बाद भी अखिलेश नोएडा नहीं गए थे. दादरी कांड के बाद सियासत काफी गरमा गई थी. कई बड़े-बड़े नेता दादरी पहुंचकर अखलाक के परिजनों से मिले, लेकिन अखिलेश नोएडा नहीं गए.