भगवा रंग अब सरकारी महकमें के सिर चढ़कर बोल रहा है. सीएम योगी का पसंदीदा रंग अब सरकारी भवनों पर चढ़ने लगा है, लेकिन आश्चर्य ये है कि अब अधिकारी थाने तक को भगवा रंग से रंगने लगे हैं. मुख्यमंत्री योगी भगवाधारी हैं और जब योगी को भगवा रंग पसंद है, तो अफसर से लेकर नेतागण सभी चाह रहे हैं की सरकारी महकमों की इमारतों का रंग आखिर भगवा क्यों न करा दिया जाए. कहीं पर थाने की बिल्डिंग पर भगवा रंग चढ़ गया है, तो कहीं सब्जी मंडी और गुड़ मंडी को भगवा रंग में रंग दिया गया है. यही नहीं हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव के बाद बीजेपी के कब्जे वाली नगर पालिकाओं का रंग भी भगवा होना शुरू हो गया है.
थाने को भगवा रंग में रंगा गया
उत्तर प्रदेश में अब थानेदार भी सरकार को खुश करने में जुट गए हैं. इसके लिए क्राइम रेट कम करने की बजाए ये लोग भगवा रंग के बहाने सरकार की खुशामद में जुटे हैं. यही वजह है कि बिजनौर के अफजलगढ़ थाने को पूरी तरह से भगवा रंग से रंग दिया गया है. मात्र थाने पर लगा पुलिस का बोर्ड ही पुलिस कलर में रह गया है, वरना पूरी थाने की बिल्डिंग को भगवा रंग से रंग दिया गया है. थाने के अंदर बने एक-एक कमरे को भगवा रंग से सजा दिया गया है. थाने में आने वाले लोग भगवा रंग को देखकर चौंक तो रहे है, साथ ही इस रंग को लेकर तरह-तरह की बातें भी कर रहे हैं.
नगर पंचायत भवनों का भी भगवाकरण शुरू
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद अब नगर पंचायत भवनों का भी भगवाकरण शुरू हो गया है. ताजा उदाहरण देवरिया जनपद के लार नगर पंचायत भवन का हैं, जहां बीजेपी के अध्यक्ष पद की प्रत्याशी की जीत के बाद दो दिन के भीतर ही पूरे भवन को भगवा रंग में रंग दिया गया. यही नहीं यहां खड़ी पानी की टंकी, ट्रैक्टर को भी रंग दिया गया. इस संबंध में जब बीजेपी की सरोज देवी के पति और प्रतिनिधि जगदीश यादव से पूछा तो उनका कहना है की पूरा देश जब भगवा रंग में रंग गया तो क्या गुनाह हो गया. हमारे कार्यकर्ताओं की इच्छा और उनके सहयोग से चंदा मिलाकर यह काम किया है, जबकि नवनिर्वाचित सभासद का कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ है. पहले सपा और बसपा की सरकार थी, लेकिन किसी ने अपने पार्टी के रंग में भवन को नहीं रंगवाया था. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि भगवा हमारे देश की संस्कृति का प्रतीक है.
मंडी समितियों पर भी पड़ा असर
ये भगवा रंग सिर्फ थानों पर नहीं चढ़ा. इसका असर मंडी समितियों में भी दिखाई दे रहा है. बिजनौर के नजीबाबाद की मंडी समिति को भी भगवा रंग में रंग दिया गया है. मंडी समिति की पूरी इमारत को भगवा रंग से रंग दिया गया है. अब हर तरफ भगवा ही भगवा नजर आ रहा है. यही हाल बागपत के बड़ौत की कृषि उत्पादन मंडी का भी है. ये मंडी भगवा रंग में भी रंगी हुई नजर आ रही है.
नहीं दिया गया कोई सरकारी आदेश
बात चाहे मुख्य द्वार की हो, चाहे मंडी के बोर्ड की, सभी भगवा रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं. मंडियों की दीवारों पर भी जो स्लोगन लिखे हैं, वो भी भगवा रंग में नजर आ रहे हैं. मंडी में हर तरफ केसरिया ही केसरिया रंग नजर आ रहा है. मेरठ मंडल में जहां 22 मंडिया हैं, वहीं सहारनपुर मंडल में 15 मंडियां हैं. ये सभी मंडियां केसरियां रंग में रंगी हुई नजर आ रही हैं. इस बारे में जब राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के डिप्टी डायरेक्टर पुष्पराज सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि ये कोई सरकारी आदेश नहीं है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंडियों में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है और केसरियां रंग प्रगति का प्रतीक है.