उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उनके सूबे में कानून-व्यवस्था वैसी नहीं है, जैसा दिखाया जा रहा है. आजतक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में हेडलाइन्स टुडे के मैनेजिंग एडिटर से बातचीत करते हुए अखिलेश ने कहा कि राज्य में पिछले दिनों जिन घटनाओं को दंगा बताया गया, दरअसल उसमें पकड़े गए कई आरोपी राजनीतिक दलों से ही जुड़े लोग पाए गए.
BSP सरकार में नहीं दर्ज होते थे FIR
अखिलेश ने अपराध से जुड़े आंकड़ों को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी सरकार में एफआईआर दर्ज की जाती है, जबकि मायावती के शासन काल में कानून-व्यवस्था बढ़िया दिखाने के लिए पुलिस केस ही दर्ज नहीं करती थी. अखिलेश ने ये आरोप भी लगाया कि बीएसपी के कार्यकाल में पुलिस पार्टी के कैडर के तौर पर काम करती थी.
बेनी प्रसाद की टिप्पणी गलत
राजा भैया और दूसरे दागी नेताओं पर पूछ गए सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इन लोगों पर राजनैतिक दुश्मनी के तहत केस दर्ज कराए गए थे. इस सवाल पर कि मुलायम सिंह खुद अखिलेश सरकार के कामकाज की आलोचना करते हैं, यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा 'नेताजी को जहां लगता है कोई कमी है, वे बोल देते हैं. ये समाजवादी पार्टी की खासियत है.' बेनी प्रसाद वर्मा के बयान को लेकर पैदा हुए विवाद पर अखिलेश ने कहा कि बेनी की टिप्पणी गलत थी और खुद कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इसे स्वीकार किया.
यूपीए को जारी रहेगा समर्थन
केंद्र सरकार को कबतक समर्थन करते रहेंगे, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी यूपीए को समर्थन जारी रखेगी. अखिलेश ने इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी सीबीआई के किसी दबाव में है. यूपी में बीएसपी और एसपी के झगड़े और केंद्र में समर्थन पर अखिलेश ने कहा- 'ये तो कांग्रेस की खूबी है'.
अखिलेश ने कहा कि आम चुनाव चाहे अक्टूबर में हों या अगले साल उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है और समाजवादी पार्टी की संख्या भी बढ़ेगी. उन्होंने तीसरी ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि हो सकता है हालात ऐसे पैदा हों कि इसके बिना कोई सरकार ना बन पाए.
मुलायम को पीएम बनाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, जिसके पास संख्या होगी, वही प्रधानमंत्री बनेगा. नरेंद्र मोदी को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने कहा कि यूपी में मोदी की कहीं कोई चर्चा नहीं है.