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उत्तराखंड का अजय सिंह यानी योगी आदित्यनाथ

भगवाधारी योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है. लेकिन आदित्यनाथ को सिर्फ विकास के नाम पर ही वोट नहीं मिलता, असल में उनकी राजनीति सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के फॉर्मूले पर चलती है. योगी जी एक बार फिर अपने पुराने फॉर्मूले पर हैं.

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योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो
योगी आदित्यनाथ की फाइल फोटो

भगवाधारी योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है. लेकिन आदित्यनाथ को सिर्फ विकास के नाम पर ही वोट नहीं मिलता, असल में उनकी राजनीति सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के फॉर्मूले पर चलती है. योगी जी एक बार फिर अपने पुराने फॉर्मूले पर हैं. सियासी गलियारों से लेकर हर चौराहे पर उनकी और उनके बयानों की चर्चा है.

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योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं. 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं. पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं, लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा है. ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. इतनी कि आखि‍रकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है. तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं, 'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.'

1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी
योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह. वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की. गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था. अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे.

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हिंदू युवा वाहिनी का गठन
राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली. उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी. कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए. योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा. योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.

अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, सभा शुरू हो जाती. वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता. यही नहीं, होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिुंदुओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.

उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर माया
योगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया. अली नगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजार माया बाजार हो गया. इतना ही नहीं, योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं. इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं.

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गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है. बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है. इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए थे, जिनमें योगी के दामन पर गहरे दाग लगे थे. लेकिन इसके बाद से योगी आदित्यनाथ की ताकत बढ़ती गई और वो हिंदुत्व के स्वयंभू मठाधीश बन गए.

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