राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के 'जनसंख्या का असंतुलन' वाले बयान पर सियासी बवाल मच गया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी और संघ ऐसे बयानों से राज्य में सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, सपा ने इस बयान को सामाजिक सद्भाव पर हमला बताया. जबकि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण करने की जरूरत है.
दरअसल, दत्तात्रेय होसबले ने प्रयागराज में आयोजित संघ के कार्यक्रम में कहा था कि धर्मांतरण से देश में हिन्दुओं की संख्या कम हो रही है. उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में मतांतरण की साजिश चल रही है. कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ भी हो रही है. सरकार्यवाह ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है. भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है. दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि एक ऐसी जनसंख्या नीति बननी चाहिए जो सब पर बराबरी से लागू हो. उन्होंने कहा कि हम पहले भी ये मांग कर चुके हैं कि जो अपना धर्म बदलते हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.
संघ नेता की चिंता सही- बृजेश पाठक
बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आज जनसंख्या नियंत्रण पर चिंता की जरूरत है, कि कौन से कदम उठाए जाएं. संघ नेता की चिंता सही है. उन्होंने कहा कि यूपी में अवैध मतांतरण पर पूरी तरह से बैन है. अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि संसाधन सीमित हैं, इसलिए आरएसएस नेता के बयान को गंभीरता से समझना चाहिए, सरकार की भी यही राय है.
मुद्दों से ध्यान भटका रही बीजेपी- कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि के नाम पर संघ और बीजेपी राज्य में सांप्रदायिकता फैला रही है. ये बयान वोटों की राजनीति और ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं. क्या संघ और बीजेपी के नेताओं को संविधान के बारे में नहीं पता. धर्मांतरण के बाद किसी को भी आरक्षण का फायदा नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसके जरिए आतंकवाद, महंगाई, सुरक्षा और अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम करती है.
सपा ने कहा- बयान असंवैधानिक
सपा ने भी संघ नेता होसबले के बयान का विरोध किया है. सपा प्रवक्ता नितेंद्र यादव ने कहा कि यह बयान सामाजिक सद्भाव पर हमला है. उन्होंने कहा कि चुनाव के मद्देनजर ऐसे बयान दिए जाते हैं कि एक समुदाय जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ता है, यह सामाजिक उन्माद पैदा करने की एक असफल कोशिश है. उन्होंने कहा कि ये बयान असंवैधानिक है. सपा प्रवक्ता ने कहा, "यह बयान असंवैधानिक है और सभी को सहयोग करने की सरकार की मंशा के खिलाफ है, कभी-कभी भागवत कहते हैं कि मुसलमानों का डीएनए एक है, ऐसी चीजों से देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जाती है जिसकी हम निंदा करते हैं.
वहीं, दूसरी ओर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने संघ नेता के बयान पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कि इस तरह के बयान गैर-जिम्मेदाराना हैं क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों की संख्या में गिरावट आई है. जनसंख्या का मुद्दा सांप्रदायिक है.