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PFI को बैन करने की तैयारी में योगी सरकार, हिंसा में आया था नाम

योगी सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा सकती है. सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश गृह विभाग पीएफआई को प्रतिबंधित करने की तैयारियों में जुट गया है.

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योगी सरकार पीएफआई पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है (फाइल फोटो: PTI)
योगी सरकार पीएफआई पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है (फाइल फोटो: PTI)

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  • हिंसा के मामलों में ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है योगी सरकार
  • अब पीएफआई को बैन करने की तैयारी कर रही है यूपी सरकार

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे राज्य के कई जिलों में हुए तमाम हिंसक प्रदर्शनों के खिलाफ योगी सरकार सख्ती से काम ले रही है. इस बीच नई जानकारी सामने आई है कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार अब एक नया कदम उठा सकती है. बताया जा रहा है कि योगी सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा सकती है.

गृह विभाग तैयारियों में जुटा

सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश गृह विभाग पीएफआई को प्रतिबंधित करने की तैयारियों में जुट गया है. दरअसल, हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का भी नाम आया था. जिसके बाद सरकार अब इस पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है.

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पुलिस ने किया था दावा

लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई है. इसके साथ ही पुलिस ने इस बात का दावा भी किया था कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार (19 दिसंबर) को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने कहा था कि पीएफआई सदस्यों ने पूरे शहर में कई बैठकें कीं. उन्होंने कहा था कि पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और प्रत्यक्षदर्शियों के माध्यम से ठोस सबूत मिले हैं.

एसएसपी ने कहा था, 'पीएफआई ने विभिन्न कॉलोनियों सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित आपत्तिजनक जानकारियों की पंपलेट, तख्तियां और अन्य वस्तुएं वितरित कीं तथा सोशल मीडिया पर प्रसारित कीं.'

इन राज्यों में सक्रिय हैं पीएफआई कार्यकर्ता

इन राज्यों में पीएफआई कार्यकर्ता लगातार सक्रिय रहे हैं. दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारंखड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में यह संगठन सक्रिय है.

कई जिलों में की थी मीटिंग

देश में भड़की हिंसा में कई जगहों पर इस संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे. मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) की रिपोर्ट के मुताबिक PFI से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मीटिंग की थी.

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