प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी. बुधवार सुबह 8 बजे उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा. इसके बाद 12 बजे उन्हें भूमि समाधि दी जाएगी. उन्हें बाघंबरी मठ के बगीचे में समाधि दी जाएगी. उधर, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
दरअसल, महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे से लटकता मिला था. उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचने पर उनका शव फंदे से लटका मिला था. मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला. इसमें उन्होंने आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इस मामले में अभी तक आनंद गिरि और आद्या तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है.
क्या लिखा है सुसाइड नोट में?
अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने लिखा, मैं नरेंद्र गिरि 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था. लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली है कि एक दो दिन में आनंद गिरि कम्प्यूटर के माध्यम से किसी महिला और लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा. सोचा था सफाई दूं पर बदनामी का डर था. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी से मैं कैसे जिऊंगा. आनंद गिरि का कहना है कि कहां तक सफाई देता रहूंगा. इससे दुखी होकर मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी की होगी. प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारियों से मैं अनुरोध करता हूं कि उन पर एक्शन लिया जाए. मेरे हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकी मेरी आत्मा को शांति मिले.
महंत जी के दोषियों को सजा दिलाएंगे- बलबीर गिरि
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में महंत बलबीर गिरि को उत्ताधिकारी बनाने का जिक्र किया है. नरेंद्र गिरि की मौत पर महंत बलबीर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, महंत जी के साथ जिन लोगों ने ये सब किया है, उनको हम लोग अंदर भिजवा के ही रहेंगे. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. गुरुजी अपनी बातों को किसी को नहीं बताते थे. उन्हें पीड़ा होती थी, तो वे खुद सहन करते थे. किसी शिष्य को कुछ नहीं बताते थे. मैं गुरुजी के साथ रहा हूं, मैं जानता हूं कि उन्हीं ने अपनी हैंडराइटिंग में ये सुसाइड लेटर लिखा है.