उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग की सड़क पर लगा विवादित पोस्टर हटा दिया गया है जिसमें लिखा था कि यहां पर सेल्फी लेने पर सजा दी जा सकती है. कालिदास मार्ग के गेट पर लगे इस पोस्टर ने आम आदमी से लेकर सियासी दिग्गजों तक का ध्यान खींचा था.
5 कालीदास मार्ग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास है और कालिदास मार्ग पर मुख्यमंत्री सहित कई बड़े नेताओं के बंगले हैं, जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई मंत्रियों के सरकारी आवास हैं. गुरुवार को यह विवादित पोस्टर वहां से गायब मिला जबकि बुधवार को सेल्फी पर सजा के पोस्टर पर खूब किरकिरी हुई थी.
नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 20, 2017
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सेल्फी लेने पर सजा देने के पोस्टर को लेकर ट्वीट किया था. अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा था कि 'नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!' इसके साथ ही मीडिया में भी इस पर जमकर चर्चा हुई थी.
अखिलेश के ट्वीट और मीडिया में हुई चर्चा के बाद मुख्यमंत्री आवास की सड़क पर लगे पुलिस के इस पोस्टर पर बकायदा अधिकारियों को बुलाकर इस बाबत पूछताछ की गई कि आखिर यह पोस्टर क्यों और कैसे लगा. सीएम ऑफिस के हस्तक्षेप के बाद आनन फानन में इसे हटा दिया गया, लेकिन इस पोस्टर को लगाने के पीछे लखनऊ पुलिस के भी अपने तर्क थे मगर मुख्यमंत्री के दबाव के बाद इसे हटा लिया गया.
सेल्फी पर जेल भेजने के पीछे ये थे लखनऊ पुलिस के तर्क:-
-सेल्फी लेने वालों ने बढ़ा दी थी पुलिस की मुसीबत
-हाई सिक्योरिटी जोन में सेल्फी लेने वालों से अनावश्यक भी और अचनाक सीएम के मूवमेंट से सुरक्षा को हुआ खतरा
-सिक्योरिटी जोन में सेल्फी लेने वालों के लिए बनेगा नया नियम
-सेल्फी पर रोक के बाद से पुलिस को मिली थी बेवजह परेशानियों से निजात
-सेल्फी लेने में कई युवको को संदिग्ध समझ हिरासत तक में लेना पड़ा था
-स्थानीय थाना स्तर पर लगा था पोस्टर,अब बड़े अफसरों को मामला बताकर होगा इंतजाम