अमूमन ये होता है कि मुलायम सिंह के परिवार से पुरुष ही खबरों में रहते हैं लेकिन अब कोई महिला भी है, जो सुने जाने के लिए बोल रही है.
दूसरी बार सांसद चुनी गईं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी को उनके निजी बयानों के लिए जाना जाता है. लेकिन अखिलेश के भाई प्रतीक की पत्नी अपर्णा ने अलग रास्ता चुना है. हाल ही में अपर्णा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ करके कइयों की नाराजगी मोल ली. यही वजह है कि मुलायम खानदान की ओर से अपर्णा के बयान पर चुप्पी पसरी हुई है, किसी ने मुंह नहीं खोला.
कहा तो यह भी जा रहा है कि अपर्णा के बयान यादव परिवार में सत्ता के लिए संघर्ष का नतीजा है, और अपर्णा के पति प्रतीक यादव परिवार की सियासी विरासत में अपना शेयर चाहते हैं.
लोकसभा चुनावों के दौरान सपा कार्यकर्ताओं का समूह आजमगढ़ से प्रतीक यादव को टिकट देने के लिए सड़कों पर उतर आया था. विवाद ज्यादा ना हो लिहाजा मुलायम सिंह खुद ही आजमगढ़ से चुनावी मैदान में उतरे.
पिता, भाई, चाचा, कजिन और भतीजे पहले ही सांसद, विधायक, मंत्री और स्थानीय निकायों में अपने लिए कुर्सी सेट कर चुके हैं. इनके सबके बीच प्रतीक को अपनी जगह बनाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पति को दरकिनार होते देख अपर्णा ने मोर्चा संभाला.
25 साल की अपर्णा हमेशा डिंपल यादव के साए में ही रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के समय उन्होंने चतुराई का परिचय देते हुए अपने बय़ान को निजी बताया. अपर्णा ने कहा, 'सभी को अपने विचार रखने चाहिए, मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं, पार्टी की कोई सदस्य नहीं.' अपर्णा के बयान के बाद सपा के कार्यकर्ता इस मामले को लेकर 5, विक्रमादित्य मार्ग भी पहुंचे.
गौरतलब है कि अपर्णा और प्रतीक ने इस साल की शुरुआत में अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को खुलकर जाहिर किया था. अगस्त महीने में पार्टी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपर्णा ने राजनीति में आने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया. उनका कहना था, 'मैं राजनीतिक विज्ञान की स्टूडेंट रही हूं और पति के बिजनेसमैन होने के बावजूद राजनीति में आ सकती हूं.'
इसके बाद सितंबर महीने में महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद अपर्णा ने गोरखपुर जाकर योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की. पिछले महीने, पहली बार मुलायम की छोटी बहू ने सपा के राष्ट्रीय कन्वेंशन में हिस्सा लिया और डिंपल के ठीक पीछे बैठी.
वहीं, इस महीने की शुरुआत में अपर्णा ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और पिछले हफ्ते रामपुर में मुलायम सिंह के विवादित जन्मदिन सेलेब्रेशन को छोड़कर दुबई का रास्ता चुना.
दूसरी ओर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव बहुओं को राजनीति में लाने के इच्छुक नहीं है. लेकिन डिंपल के मामले में उन्हें अखिलेश की बात माननी पड़ी. और अब जबकि अपर्णा राजनीति में एंट्री के लिए दस्तक दे रही हैं, मुलायम दरवाजे को बंद नहीं रख सकते. पार्टी ऑफिस में डिंपल के पोस्टर और होर्डिंग्स अब रुटीन का हिस्सा हो चुके हैं.