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यूपी: हर विधानसभा सीट पर 20 युवाओं की टीम बनाएंगे प्रशांत किशोर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खास रणनीति बनाई है. यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं. प्रशांत किशोर ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 20 युवाओं की टीम बनाने का प्लान बनाया है, जिन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं में से ही चुना जाएगा.

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प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खास रणनीति बनाई है. यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं. प्रशांत किशोर ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 20 युवाओं की टीम बनाने का प्लान बनाया है, जिन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं में से ही चुना जाएगा.

वो प्रदेश स्तर पर कांग्रेस को फिर से बुलंदियों पर ले जाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन ये उनके लिए किसी चुनौतियां कम नहीं होंगी.

छोटे स्तर पर बनाई जाएगी कमेटियां
उनकी टीम होनहार युवाओं को चुनने के लिए जल्द ही इंटरव्यू लेना शुरू करेगी. किशोर ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं से 14 सदस्यों वाली बूथ लेवल की कमेटियां बनाने के लिए कहा है ताकि पार्टी के लिए ज्यादा से ज्यादा वोट जुटाए जा सकें.

कांग्रेस के यूनिटों से चुने जाएंगे कार्यकर्ता, जन-जन तक फैलाएंगे संदेश
सूत्रों की मानें तो हर विधानसभा क्षेत्र से 20 युवा पार्टी का संदेश जन-जन तक फैलाने में मदद करेंगे और केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाने के लिए अहम रणनीतिकार साबित होंगे . बूथ लेवल के पैनल को पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से ही तैयार किया जाएगा. इन युवाओं को यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस जैसे ईकाइयों से चुनने का फैसला किया गया है. चुने गए कार्यकर्ता स्थानीय लोगों से सीधे संपर्क साधेंगे और उन्हें पार्टी के हक में वोट देने के लिए राजी करेंगे.

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राहुल गांधी खुद करेंगे अगुवाई
इस सिस्टम के जरिए हर निर्वाचन क्षेत्र में 5000 एक्टिव कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी. पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि अगर इस टीम का इस्तेमास सही तरीके से किया जाए, तो कांग्रेस का वोट शेयर महत्वपूर्ण तरीके से से बढ़ेगा. इन कार्यकर्ताओं की अगुवाई केंद्रीय नेतृत्व और खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे इसलिए कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा. जाहिर तौर पर इससे प्रदेश स्तर पर कमजोर पड़ चुके संगठन को नई ताकत और बल मिलेगी.

कमजोर से मजबूत संगठन बनकर उभरेगी कांग्रेस
कमजोर संगठन और पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच अंदरूनी कलह दशकों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के विनाश का कारण रही है और इसी के चलते 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी का असर काफी कम हो गया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि किशोर की माइक्रो लेवल रणनीति पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से अलग होगी. पिछले चुनावों में जीत के लिए बड़े से लेकर छोटे स्तर तक की पद्धति का इस्तेमाल किया गया था.

पिछले चुनावों निराशाजनक था प्रदर्शन
2012 विधानसभा चुनाव से पहले 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 80 में से सिर्फ 22 लोकसभा सीटें ही जीत सकी थी. 2012 में राहुल गांधी ने देशभर में करीब 200 रैलियां कर चुनाव प्रचार में अहम योगदान दिया था लेकिन वो 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले सिर्फ 6 सीटें ही ज्यादा हासिल कर सकी. कांग्रेस 2007 में 22 सीटें जबकि 2012 में 28 सीटों पर ही कब्जा जमा सकी जबकि राहुल गांधी के नेतृत्व में कम से कम 100 सीटों पर जीतने की संभावना जताई जा रही थी.

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सीएम उम्मीदवार हों राहुल या प्रियंका
प्रशांत किशोर का आइडिया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी का नाम आगे किया जाए लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इसके पक्ष में नहीं है. किशोर ने राहुल की बहन प्रियंका गांधी के नाम पर विचार करने का भी आइडिया दिया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसके लिए भी नेताओं में एकमत नहीं है. इसकी एक वजह ये भी है कि प्रियंका ने खुद को अमेठी और राय बरेली में ही प्रचार तक सीमित रखा हुआ है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चुनाव प्रचार का जिम्मा प्रशांत किशोर को सौंपे जाने को लेकर भी पार्टी में मिलीजुली प्रतिक्रिया है.

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