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UP: DM आवास पर BJP विधायक ने लेटकर किया प्रदर्शन, बोले- एसपी, मुझे गोली मार देगा

विधायक का आरोप था कि पंचायत चुनाव (Panchayat Election) लड़ने के इच्छुक एक शख्स का पांच महीने से मतदाता सूची में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा कई और शिकायतें हैं, जिन पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, इसलिए वह धरने पर बैठे है.

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बीजेपी विधायक धीरज ओझा जमीन पर लोटकर प्रदर्शन करने लगे. (फाइल फोटो)
बीजेपी विधायक धीरज ओझा जमीन पर लोटकर प्रदर्शन करने लगे. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • BJP MLA का DM आवास पर जमीन पर लेटकर प्रदर्शन
  • SP मुझे गोली मार देगा, बहुत खतरनाक है- विधायक
  • रानीगंज से भाजपा विधायक हैं धीरज ओझा

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पंचायत चुनाव में अपने समर्थक का नाम काटे जाने एवं कई मुद्दों की शिकायत लेकर डीएम आवास पर पहुंचे रानीगंज भाजपा विधायक धीरज ओझा डीएम आवास के बाहर लेटकर प्रदर्शन करने लगे. अपनी शिकायत को लेकर पहले तो वो चैंबर में धरने पर बैठ गए.

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उसके बाद एसपी आकाश तोमर और जिलाधिकारी नितिन बंसल मौके पर पहुंचकर उनसे बंद कमरे के अंदर बात करने की कोशिश की जिसके कुछ देर बाद ही  विधायक कमरे से चिल्लाते हुए बाहर निकले और जमीन पर लेट कर हंगामा करने लगे. इस दौरान ओझा चिल्लाने लगे और कहने लगे कि एसपी बहुत खतरनाक है मुझको गोली मार देगा. विधायक को हंगामा मचाता देख उनके समर्थकों ने भी भीड़ लगा कर हंगामा करने लगे. उन्होंने एसपी पर जान से मारने की धमकी देने व हाथापाई करने के आरोप भी लगाए.

विधायक का आरोप था कि पंचायत चुनाव (Panchayat Election) लड़ने के इच्छुक एक शख्स का पांच महीने से मतदाता सूची में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा कई और शिकायतें हैं, जिन पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, इसलिए वह धरने पर बैठे है. धरने पर बैठने की जानकारी जैसे ही  डीएम और एसपी को हुई वह चुनाव नामांकन दौरे से वापस आ गए. इस दौरान बातचीत हो ही रही थी कि बंद कमरे से विधायक फटे कपड़े में बाहर निकले. वहीं, विधायक की पिटाई के दावे की बात पर समर्थकों का जमावड़ा डीएम आवास पर जुट गया और इस दौरान जमकर हंगामा हुआ.

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विधायक धीरज ओझा ने बताया कि, ''मैं डीएम आवास पर इसलिए धरने पर बैठा हूं, क्योंकि शिवगढ़ में दबंग आदमी के खिलाफ एक आदमी और उसकी पत्नी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने वोटर लिस्ट से उनका नाम हटा दिया. वहां के बीएलओ भी लिख कर दे रहे हैं लेकिन ये मामले को लटका रहे हैं. राहुल यादव एसडीएम और सतीश त्रिपाठी अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ने कोई जांच नहीं की और आज तक मतदाता सूची में नाम उसका दर्ज नहीं हुआ. उसका कहीं नाम नहीं है. पांच महीने से उसको प्रशासन दौड़ा रहा है. उसके परिवार को धमकियां भी मिलीं लेकिन आज तक प्रशासन ने धमकी देने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.'' वही प्रशासनिक अधिकारी मामंले में चुप्पी साधे हुए हैं.

बता दें कि इसके पहले भी विधायक का अपने समर्थकों के पक्ष में कंधई कोतवाल के साथ अपशब्द इस्तेमाल का एक ऑडियो वायरल हो चुका है. हालांकि इस मामले में भी विधायक ने खुद इस वायरल ऑडियो की जांच मुख्यमंत्री से कराने की बात कह चुके हैं.

 

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