प्रयागराज के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रैगिंग का मामला सामने आया है. इस मामले में दस स्टूडेंट को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही निलंबित स्टूडेंट को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है.
दरअसल, शताब्दी ब्वायज हॉस्टल में सीनियर छात्रों ने जूनियर की रैंगिंग की थी. जांच के दौरान आरोप सही साबित होने पर सीनियर छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्हें 25 अक्टूबर को चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में तलब किया गया है.
सीनियर छात्रों पर आरोप है कि वे अपने जूनियरों को पूरी रात हॉस्टल के बाहर बैठाकर रखते हैं और उनके साथ अभद्रता और गाली-गलौजी करते हैं. जूनियर छात्रों ने इसकी शिकायत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में भी की थी.
छात्रों के अभिभावकों ने चीफ प्रॉक्टर से मिलकर शिकायत की थी, जिसके बाद छात्रों पर लगे आरोप सही साबित हुए थे.
विश्वविद्यालय ने छात्रों से पूछा है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए. मिली जानकारी के मुताबिक नोटिस में कहा गया है कि यह अपराध गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए छात्रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.
पहले भी हो चुकी रैगिंग
इससे पहले विश्वविद्यालय का नाम चर्चा में तब आया था जब बीते साल इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया था. सीनियर छात्रों ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले छात्रों को पहले दिन सिर मुंडवाकर और सिर झुकाकर लाइन से कॉलेज में प्रवेश करने की इजाजत दी थी. इतना ही नहीं ने लड़कियों को बालों में तेल लगाकर और जूड़ा बनाकर आने का फरमान सुनाया गया था.
सीनियर्स के आदेशों को मानते हुए ये छात्र पहले दिन सिर मुड़ाकर कॉलेज आए थे तो कई लड़कियां जूड़ा बांधकर आई थीं. बता दें कि इस रैगिंग की कंप्लेंट किसी छात्र ने औपचारिक तौर पर नहीं की थी लेकिन मीडिया में तस्वीर के वायरल होने के बाद इलाहाबाद डीएम ने खुद से संज्ञान लिया था और जांच के आदेश दे दिए थे.
(इलाहाबाद से पंकज की रिपोर्ट)