उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को कथित फर्जी डिग्री मामले में बड़ी राहत मिली है. प्रयागराज की एसीजेएम-17 कोर्ट इस संबंध में दाखिल अर्जी खारिज कर दी है.
प्रयागराज की एसीजेएम नम्रता सिंह की कोर्ट ने यह अर्जी खारिज कर दी. बीते 6 अगस्त को इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला रिजर्व रख लिया था.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़े. साथ ही उन पर यह भी आरोप है कि फर्जी डिग्री के आधार पर ही उन्होंने पेट्रोल पंप भी हासिल किया. आरटीआई एक्टिविस्ट और भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि की ओर से यह जानकारी दी गई.
इसे भी क्लिक करें --- पंचायत आजतक 2021: राजभर बोले-बीजेपी में मौर्य हो गए शिखंडी, सीएम बन गए उत्तराखंडी!
केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने हाईस्कूल की फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए पेट्रोल पंप हासिल किया था. उन पर फर्जी डिग्री लगाकर 5 अलग-अलग चुनाव लड़ने का भी आरोप था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा था कि साल 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसके अलावा मौर्य ने कई अन्य चुनाव भी लड़े थे.
अर्जी में आरोप लगाया गया कि उपमुख्यमंत्री ने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन के द्वारा जारी प्रथम, द्वितीय वर्ष आदि की डिग्री लगाई है. यह प्रदेश सरकार या किसी अन्य बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है.