प्रयागराज में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने डेंगू के नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों पर नाराजगी जताते हुए प्रयागराज के डीएम, सीएमओ और नगर आयुक्त को अगली सुनवाई पर यानी चार नवम्बर को सुबह 10 बजे तलब कर लिया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि आंकड़ों के बजाय जिम्मेदार अधिकारी जमीनी हकीकत के बारे में अदालत को जानकारी दें. हाईकोर्ट ने कहा कि जमीनी हकीकत डेंगू को लेकर उठाए गये कदमों से बिल्कुल विपरीत है. कोर्ट ने कहा कि डेंगू को लेकर कहीं कोई प्रतिरोधक उपाय होता दिखाई नहीं दे रहा है.
वरिष्ठ अधिवक्ता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने कहा कि शहर में डेंगू महामारी का रूप ले रहा है, डेंगू से अब तक 4 से 5 अधिवक्ताओं की मौत हो चुकी है जबकि 100 से अधिक अधिवक्ता डेंगू से प्रभावित है. उन्होंने अदालत से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जमीनी हकीकत का पता लगाने की मांग की है.
वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को बताया कि श्मशान घाटों पर अगर जांच की जाए तो 40 फ़ीसदी मौतें डेंगू की वजह से हो रही है. वहीं नगर निगम के अधिवक्ता एसडी कौटिल्य ने कहा कि फागिंग की जा रही है, लेकिन उसका कोई असर होता नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा है कि लगता है डेंगू नहीं कुछ और बीमारी है, जिससे फेफड़े, हृदय, लीवर,किडनी तक प्रभावित हो रहे हैं.
गौरतलब है कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने चीफ जस्टिस कोर्ट में प्रयागराज में डेंगू के फैले प्रकोप का मामला मेंशन किया था, जिस पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रही है. इस मामले में पिछली तारीख पर कोर्ट ने डेंगू कंट्रोल रूम में चकबंदी अधिकारी की तैनाती को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया था.
हाई कोर्ट ने कहा था कि चकबंदी अधिकारी अब डॉक्टरों का भी काम करेंगे. याची अधिवक्ता राधा कांत ओझा ने आरोप लगाया है कि नगर निगम जाड़े का इंतजार कर रहा कि ताकि जाड़े में डेंगू का प्रकोप खत्म हो जाये. वहीं नगर निगम के अधिवक्ता ने कहा जनता का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है.
हाई कोर्ट ने कहा था कि निगम की ड्यूटी है कि वह नगर को साफ सुथरा रखें. कोर्ट ने कहा टेस्टिंग नहीं प्रिवेंटिव उपाय चाहिए. कोर्ट ने कहा कि वह उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. कोर्ट ने अधिकारियों को तलब कर डेंगू को लेकर उठाये गए कदमों की जानकारी देने को कहा है.