गंगा यमुना के बढ़ते जलस्तर की वजह से नदियों का पानी अब निचले इलाको में भी भरने लगा है. इसके चलते दारागंज श्मशान घाट भी डूब गया है. ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार करने में भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोग सड़क पर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर हैं.
प्रयागराज के संगम में दारागंज का घाट पानी मे डूब गया. ऐसे में अपनो की लाशें लेकर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे लोगों को बाढ़ की वजह से सड़कों पर ही लाशें जलानी पड़ रही हैं. इस श्मशान घाट पर शहर के कई इलाकों से लोग शव लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में यहां लोगों को लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है.
सड़कों पर रखीं लकड़ियां
अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां सड़कों पर रखी गई हैं. लोग सड़क पर ही अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर है. जब तक बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहेगी, तब तक लोगों को ऐसी ही मजबूरी में सड़कों पर ही अंतिम संस्कार करना पड़ेगा.
खतरे के निशान के करीब गंगा यमुना
गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान के करीब बह रही हैं. अगर बारिश का यही हाल रहा, तो जल्द ही दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर लेंगी. उधर प्रशासन का दावा है कि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बाढ़ के प्रभावी नियन्त्रण के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में कन्ट्रोल रूम खोला गया. बताया जा रहा है कि तहसील सदर, सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बारा, करछना व मेजा के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं. बाढ के मद्देनजर कुल 98 बाढ़ चैकियां तथा 110 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं.