उत्तर प्रदेश में कोरोना का ग्राफ एक बार फिर बढ़ने लगा है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट मोड पर है. इन सबके बीच यूपी में 14 और 15 तारीख को मकर संक्रांति और माघ मेला भी है. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज जाकर स्नान करते हैं और माघ मेला में शिरकत करते हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश शासन ने मकर संक्रांति और माघ मेला पर सतर्कता और सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.
यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि संक्रांति स्नान और माघ मेला में वही व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे, जिनको कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं. जिनको वैक्सीन नहीं लगी है या डोज अधूरी है, उन्हें मकर संक्रांति स्नान और माघ मेला में अनुमति नहीं मिलेगी.
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से जारी किए गए निर्देश में यह भी जिक्र किया गया कि जो गर्भवती महिलाएं हैं, वृद्ध हैं, जिनको सर्दी, खांसी बुखार या किसी प्रकार के बीमारी लक्षण दिख रहे हैं उन्हें स्नान ना करने की हिदायत दी गई है. जहां मकर संक्रांति स्नान होगा और मेला का आयोजन होगा वहां पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही साथ चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.
माघ मेला स्थल में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिसटेंसिंग के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा ताकि लोग सतर्क रहें. माघ मेला और स्नान स्थल पर विभिन्न विभागों के समन्वय के माध्यम से साफ-सफाई और सैनिटाइज़ेशन की व्यवस्था के भी निर्देश प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर ने दिए हैं.
प्रयाग माघ मेले पर रोक की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग
उधर, प्रयाग माघ मेले में 14 जनवरी से शुरू होने वाले स्नान के साथ साथ श्रद्धालुओं की भीड़ पर रोक लगाने की मांग में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना को देखते हुए श्रद्धालुओं के स्नान को प्रतिबंधित किया जाए. यदि नियंत्रण नहीं किया गया तो कोरोना संक्रमण तेजी से पूरे देश में फैल जायेगा.
याचिका में कल्पवासियों और अखाड़ों के संतों को छोड़कर बाकी श्रद्धालुओं की एंट्री पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की गई है. पर्यावरण कार्यकर्ता उत्कर्ष मिश्र की तरफ से दाखिल जनहित याचिका को अर्जेंट मामला बताकर जल्द सुनवाई की मांग की गई है.