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Prayagraj: डेंगू मरीज को 'मौसम्बी जूस' चढ़ाने पर प्रशासन के कड़े तेवर, अस्पताल को जमींदोज करने की तैयारी

Prayagraj News: डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी जूस चढ़ाने के मामले में अस्पताल मालिक को 3 दिनों में जवाब दाखिल करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इस समय अवधि में उचित जवाब नहीं दिए जाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिनव रंजन ने नोटिस चस्पा किए जाने की पुष्टि की.

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अस्पताल पर प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ाने का आरोप. (सांकेतिक तस्वीर)
अस्पताल पर प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ाने का आरोप. (सांकेतिक तस्वीर)

Prayagraj News: डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ाने के आरोपी अस्पताल पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. प्रशासन ने आरोपी के प्राइवेट अस्पताल को बुलडोजर से जमींदोज किए जाने का नोटिस चस्पा कर दिया है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जांच में पाया कि आरोपी के अस्पताल की बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं हुआ था. 

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बिना नक्शा पास कराए बिल्डिंग बनाने के मामले में निर्धारित समय के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर ध्वस्तीकरण का अल्टीमेटम दिया गया है. बिल्डिंग मालिक को 3 दिनों में जवाब दाखिल करने का अल्टीमेटम दिया गया है. इस समय अवधि में उचित जवाब नहीं दिए जाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है.  प्रयागराज विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिनव रंजन ने नोटिस चस्पा किए जाने की पुष्टि की. 

बता दें कि प्रयागराज के झलवा इलाके में ग्लोबल हॉस्पिटल स्थित है. यहां डेंगू के एक मरीज को नकली प्लेटलेटस चढ़ाए जाने का मामला सुर्खियों में आया था. प्लेटलेटस चढ़ाए जाने के दो दिनों बाद मरीज प्रदीप पांडे की मौत हो गई थी.  प्लेटलेट्स में मौसम्बी का जूस मिलाए जाने की आशंका जताई गई थी. हालांकि प्रशासन का दावा है कि मौसम्बी के जूस के बजाय प्लाज्मा चढ़ाया गया था. इस बारे में जब्त किए गए नमूने की लैब रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.  

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लैब रिपोर्ट सामने आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि प्लेटलेटस की जगह मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया था या फिर मौसम्बी का जूस. आरोपी निजी अस्पताल ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर को स्वास्थ्य विभाग ने 20 अक्टूबर को ही सील कर दिया था.  प्रयागराज पुलिस ने अगले दिन नकली प्लेटलेट्स बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा गया है. 

पुलिस की शुरुआती जांच में साफ हुआ है कि गिरोह के लोग प्लेटलेट्स की जगह जरूरतमंद लोगों को ज्यादा पैसे लेने के बाद प्लाज्मा देते थे. प्लाज्मा को भी रिफिल किए जाने की वजह से उसके संक्रमित होने की आशंका रहती थी.

 

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