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प्रयागराज: कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वालों को मिलेगी माघ मेले में एंट्री, HC ने मांगी रिपोर्ट

यूपी के मुख्य सचिव व प्रयागराज के सीएमओ ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि कम से कम पांच दिन तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले लोगों को ही माघ मेले में एंट्री दी जाएगी. हालांकि, प्रयागराज शहर में एंट्री के बारे में कोई योजना नहीं दी गई. 

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माघ मेला (फाइल फोटो-PTI)
माघ मेला (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन
  • हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण को लेकर जताई चिंता
  • कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वालों को मिलेगी मेले में एंट्री

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन होना है. लेकिन इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि एक भी कोरोना संक्रमित शहर में आया तो पूरे मेले मे संक्रमण फैलते देर नहीं लगेगी. कोर्ट माघ मेले में कोरोना संक्रमण की सुरक्षा योजना से संतुष्ट नहीं नजर आया. कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव से मेले में कोरोना संक्रमण रोकने की ठोस योजना मांगी है. फिलहाल, इस मसले पर 12 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. 

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कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वालों की माघ मेले में एंट्री

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की डिवीजन बेंच ने कोरोना संक्रमण व पार्किंग व्यवस्था को लेकर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान माघ मेले में कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता जताई गई. कोर्ट ने मुख्य सचिव से मेले में कोरोना संक्रमण रोकने की योजना मांगी. जिस पर मुख्य सचिव व प्रयागराज के सीएमओ ने हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कम से कम पांच दिन तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले लोगों को ही माघ मेले में एंट्री दी जाएगी. हालांकि, प्रयागराज शहर में एंट्री के बारे में कोई योजना नहीं दी गई. 

कोर्ट ने जताई चिंता 

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इन निर्देशों पर गौर करने के बाद भी हम इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हैं कि ये कदम संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त हैं. कोर्ट ने जनहित याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी, 2021 तय की है. साथ ही निर्देश भी दिया कि अगली तारीख तक मुख्य सचिव माघ मेले में कोरोना संक्रमण रोकने की ठोस योजना पेश करें. 

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इसके अलावा कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह बताने का भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक भूमि पर बने पूजा स्थलों को कैसे हटाया जाना है. मालूम हो कि इससे पहले सरकारी सार्वजनिक भूमि पर बने पूजा स्थलों को हटाने में नाकामी पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. 

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