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UP: ईद पर प्रिंसिपल की ओर से भेजे गए मैसेज के बाद FIR, जानिए क्या दिया था संदेश

प्रयागराज में एक स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चों को ईद के मौके पर कुर्ता-पजामा और टोपी लगाकर हैप्पी ईद बोलने का मैसेज भेजना महंगा पड़ गया. वीएचपी नेता की शिकायत पर पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

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प्रयागराज पुलिस
प्रयागराज पुलिस
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सभी को हैप्पी ईद बोलने को कहा था
  • पुलिस ने दर्ज की FIR, छानबीन शुरू

प्रयागराज के झूंसी इलाके में एक स्कूल के तुगलकी फरमान पर प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफा के खिलाफ एफआईआर हुई है. मामला झूंसी थाना इलाके के गंगा नगर पब्लिक स्कूल का है. इस स्कूल में प्रिंसिपल ने ईद से पहले बच्चों को कुर्ता-पजामा और टोपी पहनकर उसका वीडियो शोशल मीडिया में डालने का फरमान सुनाया था.

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इस मामले में दो मई को शिकायतकर्ता लालमणि त्रिपाठी ने शहर के कीडगंज थाने में पुलिस को शिकायती पत्र दिया था, जिसमें कहा गया था कि स्कूल की प्रधानाचार्य एक सांप्रदायिक सोच वाली मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जानबूझकर एक सोची समझी साजिश के तहत हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया.

शिकायतकर्ता लालमणि त्रिपाठी के मुताबिक, कर्नाटक के हिजाब विवाद की तरह यूपी के धार्मिक सौहार्द को खराब करने की साजिश की गई, जबकि 3 मई को ईद के साथ हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम की जयंती हुई थी लेकिन प्रिंसिपल ने उसके लिए कोई एक्टिविटी प्रोग्राम नहीं दिया, जिससे उनकी मंशा स्पष्ट हो जाती है.

वीएचपी नेता लालमणि त्रिपाठी पुलिस शिकायत पत्र मिलने के बाद कीडगंज पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि यह थाना कीडगंज के एक पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य द्वारा कथित रूप से एक मैसेज भेजा गया था.

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एसएसपी अजय कुमार के मुताबिक, प्रिंसिपल की ओर से एक खास परिधान धारण करके और हैप्पी ईद बोलने का मैसेज भेजा गया था, इस तरह का एक कंप्लेंट लालमणि के द्वारा थाने पर दिया गया ,उनका कहना था कि यह धार्मिक भावना भड़काने के लिए किया जा रहा था और बड़ा कंफ्यूजिक इंटेटमेंट था लेकिन उनका वर्जन हमारे सामने नहीं आया है.

एसएसपी अजय कुमार ने कहा कि एफआईआर सुसंगत धाराओं में दर्ज कर लिया गया है, इसकी निष्पक्ष विवेचना की जाएगी और खास तौर पर इसपर कोई इंटेंशन प्रधानाचार्य का ऐसा नहीं है तो मामला खत्म किया जाएगा, लेकिन अगर इंटेंशन के तहत जबरन कोई कार्य कराए जाने की मंशा है तो उसमें निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

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