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फीस वृद्धि के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे छात्रों की निकाली शवयात्रा, खूब रोये छात्र

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र बीते 25 दिनों से फीस वृद्धि के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. इसी सिलसिले में छात्रों ने आमरण अनशन पर बैठे तीन छात्रों की प्रतीक स्वरूप शवयात्रा निकाली और वीसी कार्यालय के सामने जाकर खूब रोये. छात्रों ने कहा कि वे फीस वृद्धि का फैसला वापस करवाकर ही दम लेंगे.

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छात्रों ने निकाली शवयात्रा.
छात्रों ने निकाली शवयात्रा.

यूपी के इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं. छात्रों ने आमरण अनशन पर बैठे तीन छात्रों को रामनामी ओढ़ाकर प्रतीक स्वरूप उनकी शवयात्रा निकाली और जमकर नारेबाजी की. इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से बढ़ी फीस वापस लेने की मांग की. छात्रों ने विरोध स्वरूप इस शवयात्रा को पूरे कैंपस में निकाला और वीसी दफ्तर के सामने इकट्ठा होकर खूब रोये.

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बता दें कि छात्र विश्वविद्यालय में चार गुना फीस बढ़ाए जाने को लेकर 25 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. छात्र अलग अलग ढंग से विरोध जता रहे हैं. इस बीच छात्रों ने आमरण अनशन पर बैठे तीन छात्रों की प्रतीक स्वरूप शवयात्रा निकालकर अपने ढंग से विरोध जताया और बढ़ी फीस वापस लेने की मांग की. 

 अनोखा विरोधः फीस वृद्धि के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे छात्रों की निकाली शवयात्रा, खूब रोये छात्र
मांगों को लेकर प्रदर्शन करते छात्र.

आंदोलित छात्रों का कहना है कि अब हम कफन बांध चुके हैं. हम फीस वृद्धि वापस कराकर ही रहेंगे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर विचार नहीं कर रहा है. छात्र नेता हरेंद्र यादव ने कहा कि हम फीस वृद्धि के आदेश को कम कराकर रहेंगे, अब आरपार की लड़ाई क्यों न हो.

सरकार के आदेश के बाद बढ़ाई गई फीस

प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की फीस में हुई बढ़ोतरी को लेकर हंगामा लगातार जारी है. यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा फीस बढ़ोतरी को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों को साफ तौर पर यह संदेश दिया जा चुका है कि उन्हें अपने स्तर पर फंड का इंतजाम करना होगा और सरकार पर निर्भरता कम करनी होगी. 

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कई अन्य संस्थाओं की तरह सरकार द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फंड में भी कटौती की गई है. पहले प्रति माह ट्यूशन फीस 12 रुपये थी. चालू बिजली बिलों का भुगतान करने और अन्य रखरखाव के लिए शुल्क बढ़ाया जाना जरूरी था.

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