
प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद का घर गिराए जाने को सुप्रीम कोर्ट से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट तक चुनौती दी गई है, लेकिन प्रयागराज पुलिस बुलडोजर एक्शन को आगे बढ़ाने की तैयारी में है. जावेद के घर पर बुलडोजर चलाने के बाद प्रयागराज पुलिस ने 37 आरोपियों की लिस्ट पीडीए को सौंप दी है.
सिर्फ और सिर्फ आजतक के पास 37 आरोपियों की ये लिस्ट मौजूद है. ये वो लोग हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अब उनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है. प्रयागराज विकास परिषद की मानें तो अगर कोई इमारत बिना इजाजत के बनी पाई गई तो नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच प्रयागराज के अटाला इलाके में 10 जून के बाद से ही सन्नाटा पसरा है. प्रशासन में लोगों का भरोसा कायम करने के लिए प्रयागराज के एसएसपी और डीएम हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. प्रशासन का रुख बेहद सख्त है. एसएसपी अजय कुमार ने कहा कि साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
अटाला बवाल के मुख्य आरोपी जावेद और बड़ी मस्जिद के इमाम अली अहमद का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेज दिया गया है. जांच के दौरान मोबाइल से डिलीट किया हुआ डाटा भी रिकवर कराया जाएगा. पुलिस उसके जरिए ये जानने की कोशिश करेगी कि उस दौरान उसकी किन किन लोगों से बात हो रही थी.
पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि हिंसा की तैयारी पहले से कर ली गई थी. वहीं कुछ शरारती तत्वों ने भी इसमें उकसाने का काम किया जिससे भीड़ और हमलावर हो गई. शरारती तत्वों ने खासतौर पर पुलिस पर निशाना साधा था. सूत्रों के मुताबिक, भीड़ से ये भी कहा गया कि पुलिस वालों को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं है.
साथ ही वीडियो बना रहे पुलिस कर्मियों के मोबाइल छीनने की भी कोशिश हुई थी. प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने कई आरोपियों की लिस्ट की तैयार की है. ये लिस्ट पीडीए को सौंपी गई है. यही नहीं पीडीए जल्दी ही लिस्ट के आधार पर इन लोगों के घर चिन्हित करेगी यानी बुलडोजर जावेद का घर गिराने के बाद नहीं रुकेगा.
इसके साथ ही हिंसा वाले इलाके में अवैध दुकान और घरों पर बुलडोजर एक्शन का खौफ इस कदर है कि लोग घर-दुकान खाली कर रहे हैं. मजीदी इंटर कॉलेज की जमीन पर बनी दुकानों को कोई नोटिस तो नहीं मिला, लेकिन दुकानें खाली हो रही हैं. हिंसा के 4 दिन बाद भी सन्नाटा है, दुकानों और कई घरों पर ताले लटके हैं.