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यूपी में जारी है बुलडोजर का एक्शन, जानिए क्या है ओवैसी-मायावती-अखिलेश का रिएक्शन

Prayagraj bulldozer: पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेता की टिप्पणी के खिलाफ प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद अब योगी सरकार ने बुलडोजर से एक्शन शुरू कर दिया है. प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के मकान को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया, जिसके बाद सपा से लेकर बसपा और असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार को घेरा है.

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मायावती, अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी
मायावती, अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद का मकान ध्वस्त
  • मायावती ने योगी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
  • सीएम योगी पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार (10 जून) को हुई हिंसा के बाद योगी सरकार ने सख्त रुख अपना रखा है. इसी बीच सूबे के प्रयागराज में हिंसा के आरोपी के घर बुलडोजर चलाया गया है. प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के मकान को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई है. बुलडोजर एक्शन पर सियासी रिएक्शन भी देखने को मिल रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की है. 

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बता दें कि प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के घर को प्रशासन ने बुलडोजर के जरिए रविवार को पूरी तरह से ढहा दिया है. हालांकि, यह माकन जावेद अहमद के नाम पर नहीं था बल्कि उनकी पत्नि परवीन फातिमा को पृतक संपत्ति के रूप में मिला था. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने रविवार (12 जून) को दोपहर लगभग 12 बजे मकान की बाहरी दीवार गिरानी शुरू की और कुछ ही घंटों में पूरा घर गिरा दिया गया. बुलडोजर की कार्रवाई के बाद से यूपी में सियासत तेज हो गई है. 

एक समुदाय को टारगेट कर रही सरकार-मायावती

यूपी में बुलडोजर एक्शन पर बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार को निशाने पर लिया. मायावती ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीक कर कहा कि कि यूपी सरकार एक समुदाय विशेष को टारगेट करके बुलडोजर से घर ढहा रही है. विरोध को कुचलने और भय, आतंक का जो माहौल बनाया जा रहा है, यह अन्याय है. घरों को ध्वस्त करके पूरे परिवार को टारगेट करने की दोषपूर्ण कार्रवाई का कोर्ट जरूर संज्ञान ले. 

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मायावती ने समस्या की मूल जड़ भाजपा प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को बताया और कहा कि उन्हीं के कारण देश का मान-सम्मान प्रभावित हुआ और हिंसा भड़की. उनके खिलाफ कार्रवाई न करके सरकार कानून के राज का उपहास क्यों कर रही है. उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को अभी तक जेल नहीं भेजना घोर पक्षपात है. उनकी तत्काल गिरफ्तारी जरूरी है. सरकार द्वारा नियम-कानून को ताक पर रखकर आपाधापी में किए जा रहे बुलडोजर एक्शन से न केवल बेगुनाह परिवार पिस रहे हैं, बल्कि निर्दोषों के घर भी ढहा दिए जा रहे हैं. इसी क्रम में पीएम आवास योजना के मकान को भी ध्वस्त कर देना काफी चर्चा में रहा, ऐसी ज्यादती क्यों?

बुलडोजर के एक्शन पर अखिलेश का रिएक्शन

प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद अहमद के घर बुलडोजर की कार्रवाई पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनियाभर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोज़र से सजा दी जा रही है. इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान. इसके बाद अखिलेश ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'अब अजायब-घर में ले जाकर रख दो इंसाफ की तराजू को और कर दो ऐलान हुक्मरानों ने ही ले लिया है कानून हाथों में.'

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'कोर्ट में ताला लगा देना चाहिए, सीएम ही चीफ जस्टिस'

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान जावेद अहमद के घर पर चलाए गए बुलडोजर की कार्रवाई पर योगी सरकार को निशाने पर लिया. ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री अब उत्तर प्रदेश के चीफ जस्टिस बन चुके हैं. वो अब फैसला करेंगे कि किसका घर तोड़ना है. प्रयागराज में जो घर तोड़ा गया है वह तथाकथित आरोपी की पत्नी के नाम है. मुसलमानों को सामूहिक सजा दे रहे हैं. ओवैसी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में कोर्ट और अदालतों में ताला लगा देना चाहिए और जजों को कह देना चाहिए कि वो कोर्ट ना जाएं, क्योंकि अब अदालत की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि ये फैसला तो सीएम योगी करेंगे कि आखिरकार मुलजिम कौन है? 

प्रयागराज में जावेद अहमद के घर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का मामला अब सियासी तौर पर गरमाता जा रहा है. राजनीतिक दलों ने निशाने पर योगी सरकार है तो दूसरी तरफ वकीलों के एक समूह ने इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है. पत्र में वकीलों की तरफ से कहा गया है कि जिस घर को बुलडोजर के जरिए तोड़ा गया है उसका मालिक आरोपी जावेद अहमद नहीं था. घर जावेद की पत्नी के नाम है. घर को ध्वस्त करना कानून के खिलाफ है. आरोपी की पत्नी को अवैध निर्माण की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गयी थी. हालांकि, प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने तर्क दिए हैं कि उन्हें दो बार नोटिस दी जा चुकी है. 

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