संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की आज 127वीं जयंती है. एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और हाल ही में दलितों के भारत बंद के मद्देनजर सियासी दलों के लिए इस बार अंबेडकर जयंती दलितों को रिझाने का अवसर बन सकती है. बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती से दोस्ती के बाद समाजवादी पार्टी आज अंबेडकर जयंती मना रही है. अंबेडकर जयंती पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.
अखिलेश ने कहा, 'अंबेडकर जी की 127वीं जयंती पर हम उनको नमन करते हैं. भीमराव अंबेडकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.' वहीं उन्नाव और कठुआ मामले पर अखिलेश ने कहा कि सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसी घटनाएं देश में कई जगह हो रही हैं.
उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश ने कहा कि जबसे बीजेपी की सरकार आई है, तबसे अपराध बढ़े हैं. अखिलेश ने आरोप लगाया कि आज यूपी सरकार में डीजीपी और होम सेक्रेटरी का रोल क्या है. ये लोग आरोपियों को बचा रहे हैं.
अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के 19, विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित समाजवादी पार्टी के दफ्तर में हुई. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर 127वीं जयंती पर बधाई देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहेब के रास्ते पर चलकर ही समाज को शोषण मुक्त बनाया जा सकता है. सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भी अंबेडकर जयंती पर ट्वीट कर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी.
अंबेडकर के नाम पर दलितों के उत्थान पर देश में सियासी बहस जोर पकड़ रही है. होड़ इस बात कि है कि अंबेडकर को ज्यादा सम्मान किसने दिया. इस बीच अंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसके अलावा यूपी में डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदले जाने पर भी हंगामा हुआ था. राज्यपाल राम नाइक ने अपील की थी कि भीमराव अंबेडकर के नाम में उनके पिता का नाम 'रामजी' भी जोड़ा जाए.