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UP: योगी सरकार का आदेश, अब खादी की यूनिफॉर्म पहनेंगे प्राइमरी स्कूल के बच्चे

उत्तर प्रदेश सरकार अगले सत्र से प्रदेश के 20 जिलों के प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को खादी पहनाने की तैयारी कर रही है. फिलहाल, मौजूदा सत्र में 4 जिलों के 7 ब्लॉकों में इसे पॉयलट प्रॉजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है.

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यूपी में प्राइमरी स्कूलों के बच्चों पहनेंगे खादी
यूपी में प्राइमरी स्कूलों के बच्चों पहनेंगे खादी

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महात्मा गांधी का ख्वाब और राजनेताओं की शान बढ़ाने वाली खादी अब नन्हें बच्चों का लिबास बनने वाली है. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार अगले सत्र से प्रदेश के 20 जिलों के प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को खादी पहनाने की तैयारी कर रही है.

फिलहाल, मौजूदा सत्र में 4 जिलों के 7 ब्लॉकों में इसे पॉयलट प्रॉजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है. सरकार की नजर इसके जरिए खादी विभाग की आर्थिक तस्वीर बदलकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने पर भी है. साथ ही साथ बच्चों के जीवन में शुरुआत से ही खादी की रूचि बढ़ाकर खादी उत्पादों को मुख्यधारा की जीवनशैली में जोड़ना चाहती है. ये प्रयोग प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार किया जा रहा है, जिसके सफल होने पर आगे पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा.

अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 1.75 करोड़ बच्चों को हर साल 2 सेट स्कूल यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाती है और हर सेट के लिए सरकार 300 रुपये का भुगतान करती है. मौजूदा प्रक्रिया के तहत स्कूल के हेड मास्टर स्थानीय स्तर पर कोटेशन लेकर बच्चों की यूनिफॉर्म मंगवाते हैं. इस बार पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर 4 जिलों के 6 ब्लॉक में बेसिक शिक्षा विभाग ने खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को यूनिफॉर्म सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी है.

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खादी ग्रामोद्योग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक, इस कपड़े की तैयारी के लिए सरकार की तरफ से आदेश मिल चुका है जिसकी तैयारी की जा रही है. बच्चों के लिए यूनिफॉर्म में 70 प्रतिशत कॉटन खादी का इस्तेमाल होगा. शुरूआत में कुछ जगहों पर इसे लागू किया जाएगा. अभी शामिल किए जाने वाले इलाकों में लखनऊ का मोहनलालगंज, सीतापुर का सिधौली, मीरजापुर का छानबे, बहराइच का मटेरा, महसी और विश्वेश्वरगंज ब्लॉक शामिल है.

15 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

पिछले दिनों खादी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इसका प्रजेंटेशन किया गया था. सीएम ने कहा था कि व्यापक स्तर पर बच्चों को अगर खादी विभाग यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाए तो इससे जहां अच्छी गुणवत्ता की यूनिफॉर्म बच्चों को मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इस पूरी योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र में महज 6 ब्लॉक में यूनिफॉर्म सप्लाई का काम लेने पर ही करीब 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है.

अगले सत्र में 20 जिलों में इस पहल को आगे बढ़ाने की तैयारी है. एक जिले में औसतन दो से सवा दो लाख बच्चों को दो सेट यूनिफॉर्म दी जाती है. इस तरह 20 जिलों में 40 से 45 लाख बच्चों को अगले सत्र में दो सेट यानी 80 से 90 लाख यूनिफॉर्म की आपूर्ति होगी. इससे 1.25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.

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यूपी हैंडलूम का भी सहयोग

सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान यह भी सुझाव दिया कि कपड़ों की आपूर्ति के लिए यूपी हैंडलूम का भी सहयोग लिया जा सकता है. इससे घाटे में चल रहे इस उपक्रम की भी दशा सुधर सकेगी. सूत्रों के अनुसार योगी सरकार यूपी इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव असोसिएशन लिमिटेड (यूपिका) व यूपी हैंडलूम का खादी ग्रामोद्योग में विलय करने की तैयारी है.

सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान इनकी बंद बड़ी परिसंपत्तियों का खादी विभाग को इस्तेमाल करने का निर्देश भी जारी कर दिया था. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर ये प्रयोग सफल रहा तो प्रदेश के कुछ विभागो में भी खादी को बढ़ावा देने के लिए उसे सरकारी अफसरों को पहनने के लिए भी दिशा निर्देश दिए जा सकते हैं.

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