प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, विकास का एक्सप्रेसवे साबित होगा और रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने दशकों में वो दिन भी देखे हैं जब बुंदेलखंड के नाम पर, किसानों के नाम पर हज़ारों करोड़ के पैकेज घोषित होते थे, लेकिन किसान की जेब तक कुछ नहीं पहुंचता था. अब उन दिनों को हम पीछे छोड़ चुके हैं. दिल्ली से निकलने वाली पाई-पाई उसके हकदार तक पहुंच रही है.
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि द्वारा एक वर्ष में देश के करीब 8.5 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातें में सीधे 50,000 करोड़ से अधिक की राशि जमा हो चुकी है. चित्रकूट सहित पूरे यूपी के 2 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के खाते में भी करीब 12 हज़ार करोड़ रुपये जमा हुए हैं. आप कल्पना कर सकते हैं, 12 हज़ार करोड़ रुपये, सिर्फ एक वर्ष में. वो भी सीधे बैंक खाते में, बिना बिचौलिए के, बिना किसी भेदभाव के.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए बीते 5 वर्षों में बीज से बाजार तक अनेक फैसले लिए गए हैं. MSP को डेढ़ गुना करना हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो, यूरिया की 100% नीम कोटिंग हो, दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना हो. किसानों की आय बढ़ाने की अहम यात्रा का, आज भी एक अहम पड़ाव है. हमारे देश में किसानों से जुड़ी जो नीतियां थीं, उन्हें हमारी सरकार ने निरंतर नई दिशा दी है. उन्हें किसानों की आय से जोड़ा है. सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसान की लागत घटे, उत्पादकता बढ़े और उपज के उचित दाम मिले.
पीएम मोदी ने कहा कि किसान अब तक उत्पादक तो था ही, अब वो FPO के माध्यम से व्यापार भी करेगा. अब किसान फसल भी बोएगा और कुशल व्यापारी की तरह मोल-भाव करके अपनी उपज का सही दाम भी प्राप्त करेगा. थोड़ी देर पहले ही यहां देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए, किसानों को सशक्त करने के लिए 10 हज़ार FPO यानी किसान उत्पादक संगठन बनाने की योजना भी लॉन्च की गई है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेस-वे पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के जन जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा. करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ये एक्सप्रेस-वे यहां रोजगार के कई अवसर लाएगा. इस धरती ने भारतीयों में मर्यादा के नए संस्कार गढ़े हैं. प्रभु श्रीराम आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं.
पीएम ने कहा कि भारत रत्न नाना जी देशमुख ने यहीं से भारत को स्वावलंबन के रास्ते पर ले जाने का व्यापक प्रयास शुरू किया था. दो दिन पहले ही नाना जी को उनकी पुण्यतिथि पर देश ने याद किया है. गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि चित्रकूट के घाट पर हुई संतन की भीड़. आज आपको देखकर आपके इस सेवक को कुछ-कुछ ऐसी ही अनुभूति हो रही है. चित्रकूट सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि भारत के पुरातन समाज जीवन की संकल्प स्थली और तप स्थली भी है.