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पहले चंदे का घोटाला, अब जमीन हड़पी जा रही, अयोध्या में राम के नाम पर लूट: प्रियंका का वार

अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीद की घोटाले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. योगी सरकार ने अयोध्या में जमीन खरीद की जांच के आदेश दिए हैं तो कांग्रेस भी अब हमलावर हो गई है.

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प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा. (फाइल फोटो-PTI)
प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरा. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रियंका का आरोप, जमीन खरीद में घोटाला हुआ
  • बोलीं- सुप्रीम कोर्ट के द्वारा होनी चाहिए जांच

अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीद की घोटाले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. योगी सरकार ने अयोध्या में जमीन खरीद की जांच के आदेश दिए हैं तो कांग्रेस भी अब हमलावर हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसमें घोटाला होने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है. प्रियंका ने जिला स्तर के अधिकारी को जांच दिए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.

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प्रियंका गांधी ने कहा कि 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेची, उसी जमीन का दूसरा हिस्सा (12 हजार वर्ग मीटर) को 2 करोड़ रुपये में किसी रवि मोहन तिवारी को बेची गई. ये जमीन 19 मिनट बाद बेची गई तो जो 12 हजार वर्ग मीटर की दूसरी जमीन है, उसे रवि मोहन तिवारी 19 मिनट बाद खरीदते हैं. तिवारी ने जो जमीन खरीदी उसमें आरएसएस से जुड़े अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं. उसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं. 5 मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी 2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं. अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?

प्रियंका ने जांच पर भी उठाए सवाल

प्रियंका ने यूपी सरकार के जांच कराए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इसकी जांच जिला स्तर के अधिकारी कर रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर बनाया गया तो ये जांच भी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा होनी चाहिए. क्योंकि ये जिला स्तर का अधिकारी मेयर को नहीं डांट सकता. 

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उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर के आसपास जितनी भी जमीनें हैं, उस पर लूट लगी हुई है. बीजेपी के नेता, पदाधिकारी और योगी सरकार के अधिकारी सब लूट में मिले हुए हैं. वहां कितनी जमीन है, कितने हजारों करोड़ का घोटाला किया गया है, नहीं मालूम. बात ये है कि राम मर्यादा, नैतिकता के प्रतीक थे, सत्य के पथ पर चलने के लिए तैयार थे, अब उनके नाम पर भी आप भ्रष्टाचार कर रहे हैं. पूरे देश की आस्था को ठुकरा रहे हैं. उस पर चोट पहुंचा रहे हैं. ये बहुत गंभीर बात है. 

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सरकार ने दिए हैं जांच के आदेश

अयोध्या में जमीन खरीद मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. विशेष सचिव राधेश्याम मिश्रा मामले की जांच करेंगे. अयोध्या में कुछ नेताओं, अफसरों और उनके रिश्तेदारों पर जमीन खरीदने के आरोप लगे हैं. सरकार ने 5 दिन में जांच की रिपोर्ट मांगी गई है. 

क्या है जमीन खरीद का पूरा मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई बड़े अधिकारियों ने औने-पौने दाम पर जमीन खरीदी थी. गोसाईगंज से विधायक रहे विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 30 लाख रुपए में 2593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. खब्बू तिवारी के बहनोई राजेश मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहेटा गांव में 6320 वर्ग मीटर जमीन 47.40 लाख रुपए में खरीदी.

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अयोध्या के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिसंबर 2020 में सरयू नदी के पार गोंडा के महेशपुर में 4 करोड़ में 14860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. वहीं इनके भतीजे तरुण मित्तल ने नवंबर 2019 में बरहटा माझा में 5174 वर्ग मीटर जमीन 1.15 करोड़ रुपए में खरीदी. अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या ने अयोध्या मंदिर निर्माण स्थल से 5 किलोमीटर दूर गोंडा के महेशपुर गांव में ₹50लाख में 9375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी.

अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल ने दिसंबर 2020 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2530 वर्ग मीटर जमीन बरेटा माझा गांव में खरीदी. वहीं अग्रवाल के बहनोई आनंद वर्धन ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से ही 15.50 लाख रुपए में 1260 वर्ग मीटर जमीन ली. अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने तो फैसला आने से 2 महीने पहले ही सितंबर 2019 में 30 लाख रुपए में 1480 वर्ग मीटर जमीन खरीद ली. वहीं जुलाई 2018 में ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या के काजीपुर चितवन में दान के रुप में 2530 वर्ग मीटर जमीन ली जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जाती है.

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