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अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद पत्थर लगाई जाएंगी. इन पत्थरों पर नक्काशी का काम जारी है. इनमें से कुछ नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक अयोध्या पहुंचने भी लगे हैं.
बताया जा रहा है कि बहुत जल्द गर्भगृह में और उसके आसपास नक्काशीदार बलुआ पत्थरों की स्थापना शुरू हो जाएगी. प्लिंथ का काम और नक्काशीदार पत्थरों की स्थापना एक साथ होगी. राजस्थान के भरतपुर जिले में बंसी-पहाड़पुर क्षेत्र की पहाड़ियों से गुलाबी बलुआ पत्थरों का उपयोग मंदिर निर्माण में किया जा रहा है. मंदिर में करीब 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. राजस्थान में सिरोही जिले के पिंडवाड़ा कस्बे में नक्काशी स्थल से नक्काशीदार पत्थर अयोध्या पहुंचने लगे हैं.
मंदिर के चबूतरे और कुर्सियों को ऊंचा करने का काम 24 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था और फिलहाल यह प्रगति पर है. प्लिंथ को 6.5 मीटर की ऊंचाई तक उठाया जाएगा. प्लिंथ को ऊंचा करने के लिए कर्नाटक और तेलंगाना के ग्रेनाइट पत्थर के ब्लॉक का इस्तेमाल किया जा रहा है. एक ब्लॉक की लंबाई 5 फीट, चौड़ाई 2.5 फीट और ऊंचाई 3 फीट है. प्लिंथ कार्य में लगभग 17,000 ग्रेनाइट ब्लॉकों का उपयोग किया जाएगा. सितंबर 2022 के अंत तक प्लिंथ को ऊंचा करने का काम पूरा किया जा सकता है.
मंदिर और उसका प्रांगण दो मंजिला परिक्रमा मार्ग परकोटा और प्रवेश द्वार से घिरा होगा. मंदिर के गेट को बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा. मंदिर परियोजना में परकोटा (नक्काशीदार बलुआ पत्थर) के लिए उपयोग किए जाने वाले पत्थरों की मात्रा लगभग 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट है. मंदिर के चारों ओर मिट्टी के कटाव को रोकने और भविष्य में बाढ़ से बचाने के लिए पश्चिम, दक्षिण और उत्तर में रिटेनिंग वॉल का निर्माण भी चल रहा है.
सभी गतिविधियां एक साथ प्रगति पर हैं. उदाहरण के लिए गर्भगृह के चारों ओर प्लिंथ और नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर के ब्लॉकों की स्थापना, पिंडवाड़ा में गुलाबी बलुआ पत्थरों की नक्काशी, मकराना मार्बल्स की नक्काशी और दक्षिण में आरसीसी रिटेनिंग वॉल निर्माण जारी है.
जानकारी के मुताबिक, एक तीर्थ सुविधा केंद्र (पीएफसी) का भी निर्माण किया जा रहा है. पहले चरण में लगभग 25,000 तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. इसे पूर्व की ओर मंदिर पहुंच मार्ग के पास बनाया जाएगा.
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