उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पिछले दिनों जब सांप्रदायिक हिंसा भड़की तो बहुत सारे लोगों को जान बचाने के लिए घर छोड़ना पड़ा. लेकिन यहां के एक मुस्लिम इलाके में दो हिंदू परिवार बिना किसी डर के महफूज रहे.
7 सितंबर को भड़की हिंसा के बाद हजारों लोगों ने अपने घर छोड़ दिए. लेकिन मुस्लिम लड्डावाला कालोनी के दो हिंदू परिवारों ने घर छोड़ने के बारे में सोचा तक नहीं, क्योंकि वे यहां खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करते हैं.
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इन दोनों परिवारों को इलाके में बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों पर पूरा यकीन है. रिटायर्ड सूबेदार मित्रसेन वर्मा अपने कुछ दूसरे रिश्तेदारों के साथ इस इलाके में रहते हैं. इनकी संख्या 25 है. वर्मा के भतीजे मुकेश कुमार वर्मा का कहना है, 'हमारा परिवार कई पीढ़ियों से यहां रह रहा है. हमें कभी भेदभाव या खतरे का सामना नहीं करना पड़ा. मुस्लिम समाज के लोगों ने हमारी रक्षा की है.'
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इसी इलाके में अपने तीन बच्चों के साथ रहने वाले राम सिंह का कहना है, 'दोनों समुदायों को आमने-सामने खड़ा करना पूरी तरह राजनीति है. हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है. इलाके में दो मंदिर है और हिंसा शुरू होने के बाद मुस्लिम समुदाय मंदिरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली.'
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इलाके के निवासी हाजी इमरान अंसारी कहते हैं, 'हम बीते कई दशकों से परिवार की तरह रहते आ रहे हैं और किसी भी सूरत में हम सांप्रदायिक तनाव से इस भाईचारे बंधन को नहीं टूटने देंगे.'