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गोरखपुर में नरेंद्र मोदी बोले, 'मुलायम आपकी हैसियत नहीं है UP को गुजरात बनाने की'

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में आज सियासी पारा आसमान पर था. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जब गोरखपुर रैली के चुनावी मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए तो बनारस में मुलायम की रैली और अमेठी में राहुल गांधी का जनता दरबार खत्म हो चुका था. मोदी ने अपने भाषण में दोनों पार्टियों को घेरने की कोशिश की.

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उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में आज सियासी पारा आसमान पर था. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जब गोरखपुर रैली के चुनावी मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए तो बनारस में मुलायम की रैली और अमेठी में राहुल गांधी का जनता दरबार खत्म हो चुका था. मोदी ने अपने भाषण में दोनों पार्टियों को घेरने की कोशिश की.

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रैली में आए लोगों ने मोदी का भारी उत्साह से स्वागत किया तो मुलायम का जिक्र किए बिना तंज कसते हुए वह बोले, 'आज आपकी आवाज बनारस की गलियों में भी गूंज रही है.' मोदी ने एक बार फिर आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत को सुनिश्चित बताया. मोदी ने कहा, 'यह ऐसा चुनाव है जिसका फैसला देश के लोगों ने कर लिया है. कांग्रेस और उसके साथी दलों की विदाई देश ने तय कर ली है. कांग्रेस मुक्त भारत इस बार साकार होकर रहेगा.'

सपा प्रमुख को जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि मुलायम की हैसियत नहीं है कि वह यूपी को गुजरात बना सकें. गुजरात के मुख्यमंत्री के भाषण में स्थानीय सामाजिक समीकरणों को साधने और सरदार पटेल के नाम पर ध्रुवीकरण की कोशिश भी दिखाई दी. उन्होंने कहा, 'मुझे उत्तर प्रदेश के नौजवानों का विशेष अभिनंदन करना है. 15 दिसंबर को सरदार पटेल की पुण्यतिथि थी और उस दिन पूरे देश में श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में एकता दौड़ का आयोजन कराया गया. मुझे खुशी है कि यूपी के हर कोने में लाखों नौजवान एक साथ सरदार पटेल के लिए दौड़े और यह विश्व रिकॉर्ड बन गया.'

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 60 सालों के बावजूद देश बुरी हालत में है, क्योंकि गरीब को गरीब बनाए रखने में ही कांग्रेस की राजनीतिक सफलता है. मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव का ट्रेलर दिसंबर में दिख चुका है. बीएसपी पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग समझते हैं कि गरीब, दलित, आदिवासी और हाशिए के लोग उनकी जेब में हैं और वे उनका वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं.

आगे क्या बोले नरेंद्र मोदी, उन्हीं के शब्द:
गंगा यमुना के प्रदेश हों. मां गंगा इस धरती को पुलकित करती हो, लेकिन आज भी मेरे किसान की जिंदगी में सुख चैन के दिन न आए हों. भाइयों बहनों, खासकर यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का कोई गांव ऐसा नहीं होगा. जहां के लोग मेरे गुजरात में न रहते हों. मेरे गुजरात में रोजी रोटी न कमाते हों. कौन नौजवान बेटा है. जो अपने बूढ़े मां बाप को छोड़कर सैकड़ों किलोमीटर दूर गुजरात जाना पसंद करे. कौन बेटा है, जो अपना गांव. अपने साथी, अपने खेत खलिहान छोड़कर इतनी दूर जाएगा. अगर उसे यहां रोजी रोटी मिलती, उसे मेहनत करने का अवसर मिलता, तो मैं नहीं मानता कि मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवान को गुजरात जाने की नौबत आती.

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'गुजरात बनाने का मतलब है 24 घंटे बिजली'
भाइयों बहनों. उत्तर प्रदेश को परमात्मा ने इतना सारा दिया है. इतनी प्राकृतिक कृपा है. अगर सही दिशा पकड़कर यहां दस साल मेहनत की जाए, तो यह गुजरात से भी आगे निकल सकता है. भाइयों बहनों. आज बनारस में नेता जी (पढ़ें मुलायम सिंह यादव) ने हमें ललकारा है. मेरे लिए खुशी का विषय है कि इन दिनों जहां जहां जाता हूं, बाप बेटा मेरा पीछा करते हैं.

आज उन्होंने कहा कि मोदी जी की हैसियत नहीं है कि यूपी को गुजरात बना सकें. नेता जी, गुजरात बनाने का मायना मालूम है आपको. गुजरात बनाने का मतलब क्या होता है, पता है नेता जी. गुजरात बनाने का मतलब होता है 24 घंटे बिजली. 365 दिन बिजली. हर गांव-गली में बिजली. नेता जी आपकी बात सही है. आपकी हैसियत नहीं है.

नेता जी गुजरात बनाने का मतलब होता है लगातार 10 साल तक 10 फीसदी से भी ज्यादा कृषि दर बनाना. 3-4 फीसदी पर लुढ़क जाना. ये नेता जी आपकी हैसियत का नमूना है. नेता जी आप गुजरात नहीं बना सकते. 10 साल हो गए. गुजरात सुख चैन की जिंदगी जी रहा है. शांति सदभाव एकता लेकर आगे बढ़ रहा है. आप नहीं कर सकते हो नेता जी.

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मुझे खुशी होगी नेता जी, अगर आप उत्तर प्रदेश को गुजरात जैसा बना दें. मेरे गुजरात के लोग रोजी कमाने यहां आने लगें. मुझे खुशी होगी. मगर आप नहीं बना सकते.न बहन बेटी का सम्मान है यहां. इतना बड़ा यूपी आपने अपनी राजनीति के लिए बर्बाद कर दिया है. हमने इसे आबाद करने की शपथ ली है.

अगर हिंदुस्तान से गरीबी मिटानी है, तो अकेला उत्तर प्रदेश ऐसा कर सकता है. पूरे हिंदुस्तान की शकल सूरत बदल सकता है. ये ताकत यहां की धरती में है.

'सपा-बसपा-कांग्रेस, सबका मालिक एक'
सबका मालिक एक होता है. स याने सपा. ब याने बसपा, क याने कांग्रेस, और तीनों का मालिक, सबको पता है कौन है मालिक. ये सबका मालिक एक. इन्होंने विकास को किनारे कर वोटबैंक पर ध्यान दिया.

आप मुझे कहिए भइया. यहां का गन्ने की खेती करने वाला किसान असहाय जिंदगी जीने के लिए मजबूर क्यों हुआ. यहां पानी हो, नदियां हों. लेकिन दूध बाहर से लाना पडे़, ऐसा उत्तर प्रदेश किसने बनाया.

क्या हमारे उत्तर प्रदेश में अमूल जैसी डेरी नहीं बन सकती. लेकिन करना ही नहीं है. मैं वादा करता हूं दोस्तों. अकेली श्वेत क्रांति से, पशुपालन और दूध के माध्यम से, यूपी के गांव के नौजवान को रोजगार मिल सकता है. किसान को ताकत मिल सकती है. आय बढ़ सकती है. और श्वेत क्रांति के कारण देश के सामान्य जन की आवश्यकता की पूर्ति हो सकती है.

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'खेती को आधुनिक बनाया जाए'
सपने देखने चाहिए.ये कांग्रेस ऐसा नहीं कर सकती है. इसीलिए हमारे देश में कृषि को प्राथमिकता देने की जरूरत है. इसे आधुनिक बनाने की जरूरत है. हमारे कृषि क्षेत्र को बल देने की आवश्यकता है. आज पूरे देश में खाद पाने के लिए किसान को कतार में खड़ा होना पड़ता है. काला बाजारी मची है. और ये सरकार गोरखपुर के खाद कारखाने पर ताला लगाए बैठी है. नौजवानों को रोजगार चाहिए. मगर ये शासक ताला लगाए बैठे हैं.

अब वोट बैंक का जमाना चला गया. देश को रोजगार चाहिए. विकास चाहिए. नई पीढ़ी के सवाल हैं. इसका नेतृत्व 'सबका मालिक एक' नहीं कर सकता. इसका नेतृत्व विकास के रास्ते पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है.

आप में से कुछ गन्ना उत्पादक किसान जाएं. और गुजरात जाकर देखें. वहां किसानों और चीनी मिल मालिकों के बीच कितना बढ़िया तालमेल है. समय पर सप्लाई और समय पर भुगतान. मगर जिस राज्य में स्कूल कॉलेजों के एग्जाम समय पर नहीं हो पाते, वह चीनी के कारखाने कैसे चलाएंगे.

'खेती को तीन हिस्से में बांटा जाए'
गांव में रोजगार के लिए कृषि पर बल देना होगा. खेती को तीन हिस्सों में बांटने की जरूरत है. एक तिहाई परंपरागत खेती करें. एक तिहाई पशुपालन करें. एक तिहाई, खेत का छोर, आखिरी बॉर्डर, उस पर वृक्षों की खेती करें. आज देश को टिंबर इंपोर्ट करना पड़ता है. अगर हमारा किसान खेत के किनारे पर पेड़ लगा देता है. घर में बेटी का जन्म हो, साथ में पांच पेड़ लगा दें. शादी करने की उम्र आने तक पेड़ बेचकर खर्चा निकल सकता है. मगर इसके लिए सही सोच चाहिए. सही दिशा चाहिए. सही नेतृत्व चाहिए. तब जाकर समाज को विकास की ओर ले जाते हैं.

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'गरीब नहीं है देश, बनाया गया है'
भाइयों बहनों. ये तो पूरा समय इसी में लड़ाते रहते हैं. गन्ने का दाम कितना मिले. मिल चले या नहीं चले. इसीलिए सुशासन के बिना हालात बदल नहीं सकते. अनुभव के आधार पर कहता हूं. ये देश गरीब नहीं है. अमीर देश को राजनीतिक हित के लिए गरीब बनाया गया है. देश अमीर है, लोग भी अमीर बन सकते हैं. हमें गरीबी से मुक्ति का अभियान चलाने के लिए 2014 का चुनाव लड़ना है.

आज गोरखपुर की पवित्र धऱती से मैं पूरे देशवासियों से कुछ मांगना चाहता हूं. जरा दोनों मुट्ठी बंदकर पूरी ताकत से बताइए, कुछ देंगे. पक्का देंगे. आपने 60 साल तक शासकों को देश और राज्य चलाने का काम दिया है. मैं आपसे सिर्फ 60 महीने मांगने के लिए आया हूं. आपने शासकों को चुना है. एक बार सेवक को चुनकर देखिए. हम आपकी जिंदगी में बदलाव लाकर रहेंगे. हम अपना जीवन खपा देने के लिए निकले लोग हैं. आपके चेहरे पर मुस्कान हो. आप सपने देख पाएं. आप अपने अरमानों को पूरा कर पाएं. ऐसा हिंदुस्तान मैं आपको देने का वादा करने आया हूं.

'तुम मुझे 60 महीने दो, मैं सुख चैन की जिंदगी दूंगा'
आज नेता जी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन है. उन्होंने कहा था, चलो दिल्ली. सुभाष बाबू ने कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा. मैं आपको कह रहा हूं. आप मुझे 60 महीने दीजिए. मैं आपको सुख चैन की जिंदगी दूंगा. ये वादा करने आया हूं. आप देखेंगे, नौजवान के सपने पूरे होंगे. कोई मां बाप चाहता है क्या कि जिस मुसीबत से उसने जिंदगी गुजारी. उसका बेटा भी गुजारे. आपको भी विकास चाहिए या नहीं चाहिए. आपको भी बच्चों के लिए शिक्षा चाहिए या नहीं चाहिए. आप के खेत को पानी चाहिए या नहीं चाहिए. यही तो काम सरकार का होता है.

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