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अखिलेश का तंज- एक्सप्रेसवे से योगी ने काटा वाराणसी का नाम, PM को पता ही नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी सरकार की सबसे बड़ी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. इस शिलान्यास को लेकर सपा और सत्ताधारी बीजेपी के बीच क्रेडिट लेने की होड़ शुरू हो गई है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी सरकार की सबसे बड़ी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. इस शिलान्यास को लेकर सपा और सत्ताधारी बीजेपी के बीच क्रेडिट लेने की होड़ शुरू हो गई है.सपा अध्यक्ष अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे.उन्होंने कहा कि प्रदेश कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. बीजेपी सरकार के पास उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ नहीं है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्सप्रेसवे के उद्धाटन से पहले कहा कि उनकी योजनाओं को सरकार अपने नाम से प्रचारित कर रही है.अखिलेश ने कहा कि 'समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे' का शिलान्यास पहले ही कर चुके हैं.  बीजेपी अब समाजवादी शब्द को हटाकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम पर उद्धाटन कर रही है. प्रदेश में आज सपा की सरकार होती तो ये एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया होता. 

उन्होंने कहा कि इस पूर्वांचल एक्सप्रेस की मूलभूत तैयारियां समाजवादी पार्टी की सरकार की किया था. तकनीकी रूप से भी हमारी सोच थी. ये पूरा एक्सप्रेसवे सामजवादियों का दिया हुआ है. इस हाइवे का टेंडर भी हमन किया. इसमें से समाजवादी नाम निकालकर फीता कांट रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार कह रही है कि एक्सप्रेसवे को वे बहुत सस्ता बना रहे हैं. ये झूट बोल रहे और धोखा दे रहे हैं. हम 6 लेन को विस्तार करके 8 लेन बनाना चाहते थे, लेकिन इन्होने 6 लेन पर फिक्स कर दिया. सड़क की रोशनी खत्म कर दी. इतना ही नहीं नागरिक सुविधाओं को भी खत्म कर दिया गया. अखिलेश ने कहा कि सस्ता बनाने के चक्कर में एक्सप्रेस वे को घटिया बना रहे हैं.

अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी धोखा दे रहे हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से पीएम के संसदीय क्षेत्र को ही काट दिया और मोदी को पता ही नहीं.

पूर्वांचल एक्सप्रेस से बलिया और वाराणसी को काट दिया गया है. ये पीएम के साथ धोखा. पीएम को धोखे पर धोखा दिया जा रहा है, उन्हें पता भी नहीं चल रहा है. उनसे सिर्फ उद्धाटन कराया जा रहा है.

अखिलेश ने कहा कि  देश को नया प्रधानमंत्री मिले यही लोग चाहते हैं. जनता सब जानती और समझती है. वो चुप है, इसका मतलब ये नहीं है कि उसे कुछ नहीं. जनता तारीखों का इंतेजार कर रही है. उपचुनाव के नतीजे साफ संकेत दे रहे हैं कि आने वाले समय में जनता हिसाब बराबर करना चाहती है.

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कांग्रेस से गठबंधन पर बोले अखिलेश ने कहा कि हम दोस्ती नहीं तोड़ते हैं. सामाजिक सदभाव और सामाजिक न्याय के लिए हम काम करते रहेंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे कम समय में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे बनाकर दिखाया. ये उदाहारण है कि कैसे कम समय में जमीन ली जा सकती है और कैसे कम समय बनाया जाता है. हम चाहते थे कि इस एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वांचल को जोड़ा जाए.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे हमने तय किया था, क्योंकि जब सड़क बनती है तो खुशहाली अपने आप में आ जाती है और तरक्की अपने आप आ जाती है.

अखिलेश ने कहा कि हमें खुशी है कि जमीन अधिग्रहण का लगभग पूरा काम हमारी सरकार ने किया था. कई जिलों में तो 90 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हमने कराया और किसानों को पैसा भी हमने ही दिया.

उन्होंने कहा कि आज हमसे ज्यादा कौन खुश होगा. क्योंकि हमारी योजना को बीजेपी सरकार उद्धाटन कर रही. उनके पास काम दिखाने के लिए कुछ नहीं है. इसीलिए वे दूसरे काम का फीता कांट रहे हैं. बीजेपी का यही चरित्र है कि अपनी नई कोई योजना देने के बजाय हमारी सरकार की योजनाओं को उद्धाटन कर रहे हैं.

अखिलेश ने सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता में इतना भय कभी नहीं था जितना योगी सरकार ने पैदा कर दिया. राज्य में चारो तरफ सिर्फ अराजकता फैली हुई है.

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इन प्रोजेक्ट पर हो चुका है क्रेडिट वॉर

बता दें कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद से सपा और बीजेपी के बीस क्रेडिट वॉर चल रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और लखनऊ में मेट्रो के उद्धाटन को  को लेकर भी दोनों पार्टियों क्रेडिट लेने की होड़ थी. बीजेपी जहां इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की बात कर रही थी, वहीं सपा इन अखिलेश सरकार की देन बता रही है.

नोएडा में सैंमसंग इंडिया के प्रॉजेक्ट को लेकर भी दोनों आमने सामने थे. अखिलेश सैंमसंग को जमीन देने और हजारों करोड़ के निवेश का दावा किया था. बीजेपी ने कहा कि योगी सरकार बनने के बाद सैंमसंग के अधिकारियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई और उसके बाद कैबिनेट के माध्यम से 4915 करोड़ के प्रोजेक्ट पर मुहर लगी.

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