समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव ने आज यह कह कर सबको चौंका दिया की कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो चुका है. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह के कहने के बाद यह कदम उठाया गया. उनका बयान हैरान करने वाला इसलिए है क्योंकि पार्टी की तरफ से कभी इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया. कौमी एकता दल से हाथ मिलाने को लेकर ही शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के जबरदस्त जंग छिड़ गई थी.
शिवपाल यादव ने गुरुवार को लखनऊ के पार्टी दफ्तर में अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा की जिसमें 81 लोग हैं. पुरानी कार्यकारणी के ज्यादातर लोगों को मौका नहीं मिला है. कार्यकारिणी आमतौर पर पार्टी अध्यक्ष बनाता है. इससे पहले अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष थे.
शिवपाल यादव की बातों से यह भी साफ हो गया कि उनके और अखिलेश के बीच अभी भी गहरी खाई है. अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी को टिकट देने को लेकर अखिलेश यादव ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और सार्वजनिक तौर पर यह कहा था कि टिकट कैसे दिया गया यह उन्हें नहीं पता. लेकिन शिवपाल यादव ने दावा किया की टिकट बंटवारे में मुलायम सिंह की ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव की भी राय ली गई थी. अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी पत्नी सारा के हत्या का आरोप है जिसकी सीबीआई जांच कर रही है.
जब से मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद अखिलेश यादव से छीनकर शिवपाल यादव को दिया तबसे शिवपाल पार्टी पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में जुटे हुए हैं. अखिलेश यादव के कई करीबी भी लोगों को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया है और कई लोगों को किनारा कर दिया गया है.पार्टी से निकाले गए लोगों को वापस लिए जाने के सवाल पर शिवपाल यादव बचते हुए नजर आए और सिर्फ इतना ही कहा कि इस पर फैसला उनको नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव को लेना है.उधर अमनमणि त्रिपाठी को टिकट दिए जाने के विरोध में सारा की मां सीमा सिंह ने आज समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर आकर हंगामा किया. उनका कहना था कि अमरमणि त्रिपाठी जैसे अपराधी को टिकट दिए जाने के खिलाफ वह मुलायम सिंह और शिवपाल यादव से मिलना चाहती हैं लेकिन उनकी मुलाकात नहीं कराई जा रही है.