उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद अब कांग्रेस में इस्तीफा देने की शुरुआत हो गई है. कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में पार्टी को एक भी सीट न जिताने पाने के कारण रायबरेली कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
कांग्रेस नेता ने खत में यह लिखा
पंकज तिवारी ने सभी सीटों पर हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा- 'सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी में मेरी पूरी आस्था है. भविष्य में उनके निर्देशन में एक वफादार कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता रहूंगा क्योंकि गांधी परिवार देश की एक बड़ी आशा है और अंतिम सांस तक कांग्रेस की विचार धारा को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाते रहूंगा.'
तीन सीटों पर जमानत तक जब्त हो गई
रायबरेली में कांग्रेस के उम्मीदवारों का प्रदर्शन इतना बुरा रहा कि पांच में से तीन सीट पर वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सके. जिले में कुल 6 विधानसभाएं हैं. यहां 4 सीटों पर सपा ने जीत हासिल की है. 2 सीटें भाजपा ने जीती हैं. इस बार यहां 58.32% वोटिंग हुई.
रायबरेली जिले की विधानसभा सीटों का हाल
बछरावां
बछरावां विधानसभा क्षेत्र में 9 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें 7 पुरुष और 2 महिलाएं हैं. कांग्रेस से सुशील कुमार पासी को मैदान में उतारा था. यहां सपा के श्याम सुंदर ने जीत दर्ज करवाई है.
हरचंदपुर
हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र में 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. कांग्रेस से सुरेंद्र विक्रम सिंह मैदान में थे लेकिन समाजवादी पार्टी के राहुल राजपूत ने जीत दर्ज करवाई है.
रायबरेली
रायबरेली विधानसभा क्षेत्र में 14 उम्मीदवार मैदान में थे. यहां से अदिति सिंह भाजपा से चुनावी मैदान में थीं. कांग्रेस ने डॉ. मनीष चौहान पर भरोसा जताया था लेकिन मनीष हार गए. अदिति सिंह बाजी मार ले गईं.
सलोन
सलोन विधानसभा क्षेत्र में इस बार 9 उम्मीदवार मैदान में थे. कांग्रेस से अर्जुन कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अशोक कुमार को चुनाव लड़वाया. अशोक को ही जीत मिली है.
सरेनी
सरेनी विधानसभा क्षेत्र में 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमायी. यहां कांग्रेस से सुधा द्विवेदी ने चुनाव लड़ लेकिन सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह इस सीट से चुनाव जीत गए.
ऊंचाहार
ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में 13 उम्मीदवार मैदान में थे. यहां समाजवादी पार्टी से मनोज कुमार पांडेय मैदान में थे. कांग्रेस ने अतुल सिंह पर भरोसा जताया था लेकिन भरोसा टूट गया. मनोज बाजी मार ले गए.