किसान यात्रा के पहले दो चरणों में राहुल की बढ़ी, काली-सफेद दाढ़ी उनकी पहचान थी. अपने इस एंग्री यंगमैन की लुक से राहुल गांधी, पीएम मोदी पर तीखे हमले बोल रहे थे लेकिन तीन दिनों के ब्रेक के बाद राहुल जब लखनऊ लौटे तो काफी कुछ बदला-बदला सा था.
बोले- मुझसे गले मिलिए, मोदी तो ओबामा से गले मिलेंगे
लखनऊ से दोबारा अपनी यात्रा शुरू करने राहुल पहुंचे तो क्लीन शेव थे, चेहरे से एंग्री यंग मैन का लुक गायब था, यात्रा के इस दौर में राहुल अपने मासूम चेहरे के साथ किसानों को बुला-बुलाकर गले मिल रहे हैं. राहुल
गांधी का मकसद खुद को किसानों का सबसे बड़ा हिमायती बताना और मोदी को किसानों दूर भागने वाला शख्स दिखाना है तभी तो राहुल गले मिलने के लिए भी मोदी का ही नाम ले रहे हैं. राहुल कहते हैं, 'आइए मुझसे
गले मिलिए, मोदी जी भी गले मिल सकते हैं लेकिन वो तो ओबामा से गले मिलेंगे वो गरीब किसान और मजदूर से गले नहीं मिल सकते.'
उठाया जूता फेंकने का मुद्दा
इस दौर में राहुल, मोहब्बत और भाईचारे की बात ज्यादा कर रहे है, खुद पर जूता फेंकने के मुद्दे को राहुल अपनी हर सभा में उठा रहे हैं और कह रहे हैं चाहे जितने जूते फेंकने हो फेंको लेकिन मैं भाईचारे की बात से
पीछे नहीं हटूंगा.
बहरहाल राहुल की यात्रा अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पंहुच रही है जहां पहले से धार्मिक ध्रुवीकरण बहुत ज्यादा है. ऐसे में राहुल गांधी अपने एंग्री यंग मैन की छवि छोड़कर उस छवि के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं, जिसमे प्रेम और भाईचारा उनके हाव-भाव से भी झलके.