पिछले पांच वर्ष से अमेठी में चल रहा राहुल गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट डिस्कवरी पार्क 10 सितंबर से बंद हो जाएगा. इससे किसानों को तगड़ा झटका लगना तय है. कांग्रेस उपाध्यक्ष के प्रयासों से राजीव गांधी सूचना एवं प्रौद्योगिकी केंद्र में ही 26 जुलाई 2009 को डिस्कवरी पार्क की स्थापना की घोषणा की गई थी. इसका मकसद किसानों को तकनीकी जानकारियां उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें खेती और बागवानी में हाईटेक बनाना था.
आईआईआईटी इलाहाबाद के मैनेजमेंट बोर्ड ने इस पार्क के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट दिया था. फिर मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भी 10 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन पार्क पर महज एक करोड़ 25 लाख रुपये ही खर्च किए गए.
पार्क में औषधियों और सब्जियों की खेती को उन्नत बनाने के लिए प्रयास किए गए. सेमिनारों के आयोजन के साथ ही किसानों को तकनीकी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाती थी. लेकिन, केंद्र में नई सरकार के आते ही इस पार्क पर जैसे ग्रहण लग गया.
आईआईआईटी के डायरेक्टर सोमनाथ विश्वास ने बताया कि मैनेजमेंट बोर्ड की 29 मई को बैठक हुई थी. उसी में इसे बंद करने की बात हुई थी. इसके लिए बजट और अन्य कई सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.