लखनऊ में बाइक बोट घोटाले मामले में शुक्रवार रात कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और पीजीआई थाने की संयुक्त टीम ने छापेमारी की. इस कार्रवाई के दौरान 100 से ज्यादा गाड़ियां जब्त की गई हैं. साथ ही दो लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.
फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. जानकारी के मुताबिक, यूपी के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले मामले में मोहनलालगंज कोतवाली के भावाखेड़ा गांव में हाइवे किनारे स्थित कार्यालय के बेसमेंट से लगभग 117 व निगोहा थाना क्षेत्र के बेहनवां स्थित कुलदीप शुक्ला के घर से लगभग 28 गाड़ियां बरामद की गईं हैं.
बरामद की गई बाइकों में 'बाइक बोट' के स्टीकर भी लगे हैं. लखनऊ में कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने वाला अमित अग्रवाल और पार्टनर कुलदीप शुक्ला भी पुलिस की हिरासत में है. इस मामले में 15 मुकदमे लखनऊ के अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं.
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक, घोटाले की जांच कर रहे एजेंसी को इसकी जानकारी दे दी गई है. वहीं, एक निजी टीवी चैनल के मालिक का नाम इस घोटाले में आया था, जिसके बाद पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी रखा हुआ था.
बता दें कि बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले की जांच ईडी व ईओडब्ल्यू कर रही है. 4000 करोड़ के घोटाले की जांच करने वाले एजेंसियों को राजधानी में इतनी बड़ी खेप की सूचना तक नहीं लग सकी, जबकि इस चर्चित घोटाले से जुड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी की जानकारी दोनों एजेंसियों को थी.
पुलिस हिरासत में अमित अग्रवाल ने बताया कि नोएडा की कंपनी गर्वित इंफ्राटेक की उसने फ्रेंचाइजी ले रखी थी. एग्रीमेंट में दो सौ से अधिक बाइक खरीदने का समझौता हुआ था.