शीला दीक्षित को जब से कांग्रेस ने यूपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है, पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सारी चुनावी रणनीति पर पानी फिर गया है.
यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी के चेहरे मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे तो बहुजन समाज पार्टी सिर्फ मायावती के नाम पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस ने भी इस लड़ाई में अपनी भागेदारी दिखाने के लिए शीला दीक्षित को सीएम उम्मीदवार बनाकर बीजेपी को परेशानी में डाल दिया है. बीजेपी पीएम मोदी चेहरे के साथ यूपी के इस महासमर में जाना चाहती थी लेकिन अब मामला बदल रहा है.
बीजेपी के पास है एक ही बड़ा चेहरा!
असल में बीजेपी के समस्या ये है कि यूपी में वैसे तो पार्टी के पास कई चहरे हैं जो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जा सकते है लेकिन मुलायम सिंह यादव और मायावती के चेहरे के सामने बहुत बौने लगते हैं. कांग्रेस ने भी एक बड़े चेहरे शीला दीक्षित को मैदान में उतारा है जो 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं और यूपी की कन्नौज से लोकसभा सांसद रहते हुए केंद्र सरकार में मंत्री भी रही हैं. बीजेपी के पास सिर्फ एक चेहरा है जो मुलायम सिंह यादव, मायावती और शीला दीक्षित जैसे बड़े चेहरों को टक्कर दे सकता हैं और वो हैं राजनाथ सिंह. लेकिन राजनाथ सिंह यूपी चुनाव में पार्टी का चेहरा बनने को तैयार नहीं हैं.
शीला के आने से कड़ा हो गया मुकाबला
राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी और अमित शाह को इलाहाबाद में कार्यकारणी की बैठक से पहले साफ कर दिया था कि वो चुनाव में पार्टी का चेहरा बनकर यूपी की राजनीति में वापस नहीं जाना चाहते है लेकिन शीला दीक्षित के आने से मुकाबला और भी ज्यादा कड़ा हो गया है इसलिए पीएम मोदी और अमित शाह चाहते हैं कि राजनाथ सिंह को यूपी की कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बना दिया जाए. इन दोनों बड़े नेताओं को लगता है कि यूपी चुनाव में राजनाथ सिंह को चेहरा न बना कर सबसे बड़े नेता के तौर प्रोजेक्ट करने से पार्टी को फायदा मिलेगा.
बीजेपी से नाराज है यूपी की जनता
राजनाथ सिंह यूपी की राजनीति के पुराने माहिर खिलाड़ी रहे हैं. राजनाथ सिंह जानते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जो माहौल बीजेपी के लिए बना था वो अब नहीं है. राजनाथ सिंह के करीबी कहते हैं कि बीजेपी के सांसदों के प्रति जनता में बहुत ज्यादा नाराजगी है और जिस जातिगत ढांचे पर पार्टी को खड़ा किया गया है वो दूसरी पार्टियों के सामने टिक नहीं पाएगा. कई बड़े वरिष्ठ नेता भी पार्टी के कई फैसलों से नाराज हैं ऐसे में चुनाव जीतना मुश्किल ही नहीं असंभव होगा.
संघ की शरण में पहुंचे शाह
यूपी में मजबूत दावेदारी के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर से राजनाथ सिंह का राग संघ के नेताओं के आगे अलापना शुरू कर दिया है. संघ के सह महासचिव दत्तात्रेय होसाबले के पास यूपी की कमान है. संघ की ओर से दत्तात्रेय होसाबले और सुरेश सोनी राजनाथ सिंह से बात करेंगे. संघ राजनाथ सिंह को इस बात के लिए राजी कर रहा है कि बीजेपी चुनाव हारे या जीते वो केंद्र सरकार में गृहमंत्री बने रहेंगे.
राजनाथ सिंह के इशारे के बाद पार्टी यूपी पर फैसला लेगी और यूपी विधानसभा चुनाव की लड़ाई में सबसे आगे दिखने की कोशिश भी करेगी.