उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एटा से बीजेपी सांसद राजवीर सिंह ने कासगंज की घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया है. उन्होंने बीते दिनों दिए अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उस वक्त दिया बयान गलत नहीं था, वहां हमारे लोग मारे गए हैं और मैं वहां का प्रतिनिधि हूं, इसलिए ऐसा कहा था.
कांसगज जिला एटा लोकसभा क्षेत्र में ही आता है ऐसे में राजवीर सिंह कासगंज के भी प्रतिनिधि हैं. उन्होंने कहा कि जिस ढंग से वहां पर तेजाब की बोतलें, पिस्टल निकली और पत्थरबाजी हुई, यह सब अचानक नहीं हुआ इसके लिए पहले से ही तैयारी की गई होगी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच हो रही है और जल्द की सब कुछ साफ हो जाएगा.
परिवार की ओर से मृतक चंदन को शहीद का दर्जा देने की मांग पर राजवीर सिंह का कहना है, 'मैं भी मानता हूं कि उनको शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए, बाकी तो सरकार पर निर्भर करता है, उनकी मांग माननी चाहिए या नहीं लेकिन मैं इस मामले में परिवार के साथ खड़ा हूं.' सांसद राजवीर सिंह का कहना है कि अभी कासगंज में शांति है माहौल पूरी तरीके से नियंत्रण में है. उन्होंने स्थानीय जनता से अपील करते हुए शांति कायम रखने को कहा साख ही कानून को अपने हाथ में न लेने की हिदायत भी दी है.
राजवीर सिंह का कहना है कि जो भी कार्रवाई संभव थी, योगी सरकार की ओर से वो किया गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कानूनी जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा.