scorecardresearch
 

हिंदू-मुस्लिम एकता, वोट की चोट...मुजफ्फरनगर महापंचायत में टिकैत के भाषण के क्या हैं मायने?

राकेश टिकैत समेत किसान मोर्चा के बाकी नेता सीधे तौर पर बीजेपी को सबक सिखाने की हुंकार भरते हैं, लिहाजा अगर उनके आह्वान पर 'वोट की चोट' सत्ताधारी बीजेपी पर की गई तो उसके लिए एक बड़ी चुनौती पेश हो सकती है, जहां करीब 100 सीटें दांव पर हैं.

Advertisement
X
किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी की सरकारों पर जमकर बरसे राकेश टिकैत
  • लगे 'अल्लाहु-अकबर', 'हर-हर महादेव' के नारे

संयुक्त किसान मोर्चा ने मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत से एक बार फिर अपने आंदोलन को धार देने का प्रयास किया. इस महापंचायत में किसानों का बड़ा हुजूम देखा गया. खासकर, पश्चिमी यूपी के किसान बड़ी तादाद में यहां पहुंचे. महापंचायत के मंच से किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी की केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को आड़े हाथों लिया. साथ ही वोट की चोट का नारा भी दे दिया. 

Advertisement

इसके अलावा राकेश टिकैत ने अपने भाषण में कई और महत्वपूर्ण बातें कहीं. राकेश टिकैत ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि ये लोग बांटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमें तोड़ना नहीं है जोड़ना है. टिकैत ने यहां तक कह दिया कि दंगा करवाने वालों को बाहर करना है. 

इसके साथ ही टिकैत ने मंच से वो नारा भी लगवाया जो धार्मिक एकता के लिए पश्चिम यूपी के किसान नेता पहले भी लगवाते रहे हैं. मंच से टिकैत ने कहा, 'अल्लाहु-अकबर' तो सामने से किसानों की आवाज आई 'हर-हर महादेव'...इस तरह पूरा जीआईसी मैदान धार्मिक एकता के इस नारे से गूंज उठा. 

चुनाव से पहले एकता का संदेश...

हिंदू-मुस्लिम समुदाय को एकता के सूत्र में पिरोने वाला टिकैत का ये उद्घोष काफी अहम है. दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ पश्चिम यूपी के हिंदू व मुस्लिम सभी किसान एक मंच पर आ गए हैं. वो कंधे से कंधा मिलाकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार से लड़ रहे हैं. खासकर, जाट और मुस्लिम लोगों में नजदीकियां काफी बढ़ी हैं. 

Advertisement

ये वही लोग हैं जिनके बीच 2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद दूरियां पैदा हो गई थीं. दोनों समाज राजनीतिक तौर पर भी दो ध्रुवों में बंट गए थे. लेकिन अब किसान आंदोलन के बहाने फिर वो मौका आया है जब दोनों समुदाय किसान यूनियन की 'हरी टोपी' पहनकर एक जैसे रंग में नजर आने लगे हैं. 

शायद यही वजह है कि मुजफ्फरनगर की पंचायत के मंच से टिकैत ने खुलेआम कह दिया कि ''ये लोग दंगा करवाने का काम करेंगे, तोड़ने का काम करेंगे, लेकिन हमें जोड़ना है.'' टिकैत ने स्पष्ट कह दिया कि यूपी की जमीन पर दंगा करवाने वालों को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.

चुनाव में ये एकता पड़ सकती है भारी!

राजनीतिक कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अगर दोनों समुदाय में इसी तरह की एकजुटता अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव तक नजर आई तो ये धड़ा किसी भी पार्टी के पक्ष में वोट कर समीकरण बदल सकता है. चूंकि, राकेश टिकैत समेत किसान मोर्चा के बाकी नेता सीधे तौर पर बीजेपी को सबक सिखाने की हुंकार भरते हैं, लिहाजा अगर उनके आह्वान पर 'वोट की चोट' सत्ताधारी बीजेपी पर की गई तो उसके लिए एक बड़ी चुनौती पेश हो सकती है, जहां करीब 100 सीटें दांव पर हैं. राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने भी इस महापंचायत में कह दिया कि उनका एक इशारा काफी है, जिसको चाहें जिता दें, जिसको चाहें हरा दें. 

Advertisement

जारी रहेगी कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई

महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत ने ये भी साफ कर दिया कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रही उनकी लड़ाई जारी रहेगी. टिकैत ने कहा कि कानून वापसी तक हम दिल्ली बॉर्डर से नहीं हटेंगे, चाहे वहां हमारी कब्रगाह बन जाए. इस ऐलान के साथ ही टिकैत ने साफ कर दिया कि ये आंदोलन लंबा चलने वाला है. क्योंकि एक तरफ केंद्र सरकार बिलों की तारीफ करते हुए अपने कदम से पीछे हटने के बिल्कुल मूड में नहीं है तो दूसरी तरफ किसान भी अड़े हुए हैं और आगे भी डटे रहने का उन्होंने ऐलान कर दिया है. टिकैत ने किसानों से भी कह दिया कि ट्रैक्टर तैयार रखना, कभी भी जरूरत पड़ सकती है. इसके साथ ही टिकैत ने यूपी मिशन का भी रोडमैप दे दिया. टिकैत ने बताया कि अगली बैठक 9-10 सितंबर को लखनऊ में की जाएगी और इसमें गन्ने पर बात की जाएगी. 

मोदी-शाह और योगी पर निशाना

राकेश टिकैत ने अपने बयान में जहां एकता और वोट की चोट की बात की वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए अपने आंदोलन का टारगेट भी फिर से क्लीयर कर दिया. टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की पॉलिसी भारत बिकाऊ है, और देश में Sale For India के बोर्ड लगे हुए हैं. टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार सबकुछ बेच रही है और ये सब अंबानी-अडाणी खरीद रहे हैं.  टिकैत ने केंद्र सरकार के कई धोखे भी गिनवाए. 

Advertisement

वहीं, सीएम योगी को निशाने पर लेते हुए टिकैत ने गन्ना मूल्य का सहारा लिया. टिकैत ने कहा कि पिछली सरकारों ने गन्ना का दाम बढ़ाया लेकिन इस सरकार ने अभी तक गन्ने का एक भी रुपया नहीं बढ़ाया, क्या योगी सरकार कमजोर है?

इस तरह, राकेश टिकैत लाखों की संख्या में मुजफ्फरनगर पहुंचे किसानों के बीच ये साफ कर दिया कि धर्म के नाम पर बंटना नहीं है और चुनाव में 'वोट की चोट' करके सबक सिखाना है.

 

Advertisement
Advertisement