प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद कृषि कानून की वापसी को केंद्रीय कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है. अब इसे हटाने के लिए संसद में बिल लाया जाएगा. वहीं कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले के बाद भी किसान अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं.
किसानों की अभी भी सरकार से कुछ मांगें हैं जिनको लेकर वो आंदोलन खत्म करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में जब आज तक ने किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा कि आखिर किसान आंदोलन कब खत्म होगा तो उन्होंने सरकार के सामने कई मांगे रख दी.
टिकैत ने आज तक से कहा, कानून को वापस लेने का अचानक ऐलान हमारे लिए चौंकाने वाला था लेकिन हम इसका स्वागत करते हैं. ठीक है आंदोलन खतम हो जाना चाहिए लेकिन 2 -3 चीजें है, जो 700 से ज्यादा किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए हैं उन्हें सरकार मुआवजा दे और उनका स्मारक बनाने के लिए जमीन मुहैया कराए. इतना ही नहीं किसानों पर दर्ज किए गए केस को भी वापस लेने की उन्होंने मांग रखी.
वहीं टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर कहा कि एमएसपी की मांग आंदोलन का हिस्सा है लेकिन सरकार इस पर कानून बनाना नहीं चाहती है.
वहीं 29 नवंबर को संभावित ट्रैक्टर रैली को लेकर टिकैत ने कहा कि किसान मोर्चा इस पर 27 तारीख को अंतिम फैसला लेगा. टिकैत ने कहा एक साल से हमारा आंदोलन चल रहा है और आप अब चाहते हो हम ऐसे ही घर चले जाएं.
उन्होंने कहा, 'ट्रैक्टर रैली हमारे एक साल के संघर्ष का सेलिब्रेशन होगा. हम 29 को खुशी जाहिर करेंगे, कोई दंगा नही करेंगे. उन्होंने कहा, 26 नवंबर को मीटिंग है जिसमें शामिल होने वो दिल्ली जाएंगे.
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को खत्म करने का जो फैसला लिया है वो भी एकतरफा है क्योंकि वो किसानों से बात नहीं कर रही है.
टिकैत ने मांग रखी की सरकार किसानों संगठनों से बात करे और एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए. टिकैत ने दोहराया कि यह प्रदर्शन सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी होगा.
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