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राम मंदिर के लिए 18 करोड़ में क्यों खरीदी जमीन? ट्रस्ट ने केंद्र और RSS को भेजी रिपोर्ट

राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद में घोटाले के आरोपों के बीच ट्रस्ट हर किसी के निशाने पर है. अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस पूरे विवाद को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को रिपोर्ट सौंपी है.

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जमीन खरीद को लेकर विवादों में है ट्रस्ट (फोटो: PTI)
जमीन खरीद को लेकर विवादों में है ट्रस्ट (फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमीन विवाद पर ट्रस्ट ने केंद्र को सौंपी रिपोर्ट
  • रुपयों में अंतर क्यों, इसका जवाब दिया गया

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से जुड़ी जमीन की खरीद में घोटाले के आरोपों को लेकर ट्रस्ट घिर चुका है. अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा इस पूरे विवाद पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है. सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश बताया है. 

ट्रस्ट की ओर से केंद्र सरकार के अलावा भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी रिपोर्ट भेजी गई है. जिसमें जमीन खरीद के बारे में सभी जानकारी दी गई है और समझाया गया है कि कैसे दाम अलग-अलग हैं.

ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कथित जमीन घोटाले के आरोपों को भारतीय जनता पार्टी के विरोधियों द्वारा लगाया जा रहा है. बता दें कि विपक्ष के द्वारा जो उक्य आरोप लगाया गया था वह ये था कि जिस जमीन का दाम दस मिनट पहले सिर्फ 2 करोड़ रुपये था, उसे ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीदा. 

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ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद को लेकर जारी किए गए फैक्ट
मंगलवार को ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद को लेकर कुछ फैक्ट जारी किए गए हैं. इनमें दावा किया गया कि जो जमीन ली गई है, वह प्राइम लोकेशन पर है इसलिए उसके दाम अधिक हैं. जितनी जमीन की खरीद हुई है, उसका दाम 1423 प्रति स्क्वायर फीट है. इस डील को लेकर दस साल से बात चल रही थी, जिसमें नौ लोग शामिल थे. 

क्या है जमीन खरीद को लेकर विवाद?
समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा आरोप लगाया गया है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी है. इस जमीन की कीमत सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ रुपये थी, ऐसे में विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ है. पार्टियों ने इसे करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा करार दिया है, जांच की मांग की है और ट्रस्ट के सदस्यों से इस्तीफा मांगा है.

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ट्रस्ट की ओर से क्या सफाई दी गई है?
जब से जमीन खरीद में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं, तभी से ट्रस्ट सभी के निशाने पर है. हालांकि, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपना बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है. ट्रस्ट द्वारा कहा गया है कि जो आरोप लगे हैं वो राजनीतिक हैं. जिनसे जमीन खरीदी गई है, उनसे काफी पहले की डीलिंग हुई है, क्योंकि अभी जमीनों के दाम ज्यादा हैं, ऐसे में इतने दाम में ये ली गई है. ट्रस्ट का दावा है कि अभी भी मार्केट रेट से कम दाम पर खरीद हुई है. 

 


 

  • क्या राम मंदिर के लिए जमीन खरीद को लेकर लगे आरोपों की जांच होनी चाहिए?

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