ट्रांसफर होगी चढ़ावे की रकम
बताया जाता है कि इसमें राम जन्मभूमि के नाम पर पहले से बने राम जन्मभूमि न्यास की लगभग 55 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति भी शामिल है. इसे जल्द ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ट्रांसफर भी कर दिया जाएगा. इसकी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं. इसके अलावा राम जन्मभूमि की चढ़ावे की रकम भी नए ट्रस्ट को दी जाएगी, जो फिलहाल रिसीवर के तौर पर अयोध्या के जिलाधिकारी (डीएम) के पास है.
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जानकारी के मुताबिक 19 फरवरी को होने वाली ट्रस्ट की पहली बैठक में राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के चंपत राय का मनोनयन भी किया जा सकता है. इसके अलावा मंदिर निर्माण के शुभारंभ की तारीख भी तय की जा सकती है. माना यह जा रहा है कि नृत्य गोपाल दास और चंपत राय के ट्रस्ट में मनोनयन के बाद संपत्ति ट्रांसफर करने की शुरुआत हो जाएगी. ये दोनों ही अशोक सिंघल के बनाए राम जन्मभूमि न्यास के अहम सदस्य हैं.
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न्यास के पास चंदे की रकम से लेकर मंदिर के लिए तराशे गए पत्थर भी हैं. न्यास से जुड़े लोगों की मानें तो पत्थरों की कीमत ही 30 करोड़ रुपये से अधिक है. 11.5 करोड़ रुपये बैंक में जमा हैं, जिसमें आठ करोड़ रुपये से अधिक की रकम रामलला के नाम पर एफडी हैं. न्यास के पास राम जन्मभूमि क्षेत्र में 5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जमीन है, जिसे पहली बैठक के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाना है.
मंदिर बने, बस यही कामना- सत्येंद्र दास
इस संबंध में वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास ने दान में मिली रकम के साथ ही अपनी पूरी संपत्ति का लिखित ब्यौरा नए ट्रस्ट को दे दिया है. इसे नए ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा. वहीं, राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि जब राम जन्मभूमि के नए ट्रस्ट का ऐलान हुआ, तो छोटी छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास का नाम गायब था. इससे अयोध्या के साधुओं में रोष था.
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महंत नृत्य गोपाल दास के प्रतिनिधि और न्यास के ट्रस्टी सत्येंद्र दास ने कहा कि वे फैसले से दुखी हैं, लेकिन भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, बस यही कामना है. उन्होंने कहा कि सभी संपत्ति नए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी. न्यास के सदस्य कमलनयन दास ने उम्मीद जताई कि मंदिर निर्माण का कार्य रामनवमी के आसपास शुरू होगा. उन्होंने कहा कि मई महीने तक मंदिर का निर्माण कार्य धरातल पर दिखाई देने लगेगा.