प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसी के साथ राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. वहीं, दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय को बाबरी मस्जिद के बदले मिली पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बुधवार को 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' ट्रस्ट का गठन कर लिया है. इसके बावजूद मस्जिद निर्माण की राह में कई दिक्कतें है, ट्रस्ट जिनका हल तलाशने में जुटा हुआ है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल के निर्माण कराने का प्लान बनाया है. इन तमाम निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट का गठन किया है, जिसमें अधिकतम 15 सदस्य होंगे. वक्फ बोर्ड ने निर्माण के लिए ट्रस्ट के 9 सदस्यों के नाम घोषित किए हैं बाकी 6 सदस्य के नाम को मनोनीत किया जाएगा. बोर्ड के चेयरमैन खुद इसका संस्थापक ट्रस्टी होगा और बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी इसके पदेन प्रतिनिधि होंगे.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि दिए जाने के प्रस्ताव पर योगी कैबिनेट ने 5 फरवरी को ही मंजूरी दे दी थी. अयोध्या में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम धन्नीपुर तहसील सोहावल में थाना रौनाही से लगभग 200 मीटर पीछे 5 एकड़ जमीन राज्य सरकार ने मस्जिद के लिए आवंटित की है, जिसे सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है.
बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी सैय्यद मोहम्मद शोएब ने aajtak.in से बातचीत करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन का अलॉटमेंट लेटर तो दे दिया था, लेकिन जमीन का मलिकाना कब्जा सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड को अभी तक नहीं मिल सका था. हालांकि, उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के लिए ट्रस्ट का गठन कर लिया गया है और अब हमें उम्मीद है कि 5 अगस्त को भूमि पूजन के बाद जिला प्रशासन जमीन का मालिकाना कब्जा दे सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इन सारे निर्माण कार्यों के लिए फंड की व्यवस्था भी ट्रस्ट को करना है, जिसके लिए आगे की बैठक में रूप रेखा तैयार होगी.
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इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण के साथ अस्पताल, विद्यालय और रिसर्च सेंटर भी स्थापित करने की रूप रेखा तैयार की गई है. इंडो इस्लामिक कल्चर के जरिए सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी, पब्लिक यूटिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने का प्लान है. इन्हीं सारे निर्माण कार्य के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया है, जिनमें 6 मनोनीत सदस्य को शामिल करेंगे. इसके लिए हमारी कोशिश है कि देश के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को शामिल कर उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाए.
उन्होंने बताया कि मुस्लिमों के भारत आने बाद जो एक कल्चर डेवलप हुआ, जिसे हम एंडो इस्लामिक कल्चर कहते हैं, उसे इस संस्थान के जरिए भारतीय सभ्यता को देश और पूरी दुनिया के सामने रखने का प्लान है. भारतीय व इस्लामिक सभ्यता पर शोध करने और उसे प्रदर्शित करने की योजना है. इसके अलावा हम वहां पर ऐसे अस्पताल बनवाना चाहते हैं, ताकि जिले के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके. इसके लिए हमें पहले पांच एकड़ जमीन पर मालिकाना कब्जा लेना है, जिसके लिए प्रशासन ने हमें दो दिन बाद बुलाया है. हालांकि, राम मंदिर के भूमि पूजन के कार्यक्रम में जिला प्रशासन लगा हुआ है, ऐसे में 5 अगस्त के बाद जमीन का पजेशन मिल पाएगा.
अतहर हुसैन ने बताया कि ट्रस्ट की अगली बैठक में हम लोग मनोनीत सदस्यों के साथ-साथ निर्माण कार्य के लिए फंडिंग की दिशा में प्लान करेंगे. ट्रस्ट ने निर्माण के लिए जो प्लान किए हैं, उसे लेकर मौखिक तौर पर फंड देना का कई लोगों ने आश्वासन दे रखा है. इसके बावजूद हम ट्रस्ट के फंड के लिए एक रूप रेखा बनाएंगे और बाकायदा उसका अकाउंट नंबर होगा. उसके द्वारा फंड लिया जाएगा. सरकार ने हमें जो भूमि चिन्हित करके दी है उसका लोकेशन बहुत ही शानदार है. लखनऊ से महज 60 मिनट की दूरी पर यह जमीन है. यहां पर ऐसी इमारत बनाना चाहते हैं तो समाज और देश दोनों के काम आ सके.