राम मंदिर मुद्दे पर शिया वक्फ बोर्ड और हिंदू पक्षकारों के बीच सहमति बन गई है. सहमति के बाद अब शिया वक्फ बोर्ड 15-16 नवंबर को अदालत में समझौते की कॉपी को जमा करेगा.
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का कहना है कि मस्जिद अयोध्या और फैजाबाद के बाहर बने, इस बात पर सहमति हो गई है. वहीं, मंदिर पहले से ही तय जगह पर बनेगा. उन्होंने बताया कि जो मस्जिद अयोध्या के बाहर बनेगी उसका नाम बाबरी नहीं होगा.
आपको बता दें कि मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर शिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की हुई है, मामले की सुनवाई आने वाले समय में होगी. शिया वक्फ बोर्ड दूसरे पक्षकारों की रजामंदी के साथ अदालत में समझौते की कॉपी सौंपेगा.
गौरतलब है कि राम मंदिर विवाद को लेकर श्री श्री रविशंकर ने एक बार फिर से सभी पक्षों के बीच में बातचीत की पहल शुरू की है. रविशंकर ने पहले शिया वक्फ बोर्ड के वसीम रिजवी से ही मुलाकात की थी, लेकिन अब रिजवी के सुन्नी मौलानाओं से मिलने पर उन्होंने ऐतराज जताया है.
वक्फ बोर्ड के अनुसार, श्री श्री गलत रास्ते पर जा रहे हैं. रविशंकर जी का जो प्रयास है वो गलत दिशा की तरफ है. वो उन लोगों से बातचीत का प्रयास कर रहे हैं जिन्होंने आजादी के बाद से लेकर कभी सुलह समझौते की कोशिश नहीं की. उनकी दुकान इस फसाद की वजह से चल रही है.
उन्होंने कहा कि वो उन दुकानों के शटर बंद कर सुलह समझौता नहीं चाहते. और कुछ मुल्लाओं की मठाधीशी की वजह से आज इस माहौल पर हिंदुस्तान पहुंच गया है. जो बाबरी मस्जिद वहां पर शहीद हुई वो इसी टकराव का नतीजा है. अगर उस वक्त आपस में बैठकर सुलह समझौते की बातचीत हो जाती तो ये नौबत ना आती. गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष नरेंद्र से मिलने पहुंचे हैं.