अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदे गए जमीन में घोटाले के आरोप के बीच गुरुवार को मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है. यह बैठक मुंबई में विले पार्ले स्थित संन्यास आश्रम में हुई. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के बीच बातचीत हुई. लगभग दो घंटे चली इस बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर हालिया विवाद पर चर्चा हुई.
इस बैठक में अहम लोग शामिल हुए और गहन मंथन हुआ. राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरी, ट्रस्टी अनिल मिश्र शामिल हुए तो वहीं संघ की तरफ से कई अहम पदाधिकारियों के साथ भैयाजी जोशी ने भाग लिया. बैठक के दौरान अयोध्या के हालिया जमीन विवाद को प्रमुखता से उठाया गया.
संघ के पदाधिकारियों ने सीधे तौर पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से जमीन विवाद को लेकर पूरे मामले की जानकारी मांगी. सूत्रों की माने तो इसके बाद जमीन विवाद को लेकर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्र ने अपना पक्ष रखा. इसी दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर ट्रस्ट पर जमीन खरीदने को लेकर लगाए गए आरोप गलत हैं तो आरोप लगाने वाले लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया जाए. हालांकि इसको लेकर कोई सहमति नहीं बनी है.
राम मंदिर निर्माण की प्रगति पर भी चर्चा
ऐसा भी नहीं है कि इस बैठक में केवल जमीन विवाद को लेकर ही चर्चा हुई. बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर भी चर्चा हुई. निर्माण की प्रगति को लेकर भी विचार विमर्श और राम मंदिर परिसर के भीतर भावी अन्य निर्माण कार्यों को लेकर भी मंथन हुआ.
किसने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्ट द्वारा खरीदी जमीन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. लगभग इसी समय अयोध्या के पूर्व विधायक और सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडे ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे.
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हालांकि ट्रस्ट की तरफ से इसके बाद चंपत राय ने वीडियो संदेश के जरिये ट्रस्ट का बचाव किया था और सभी आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने जो जमीन खरीदी है उसका भाव, बाजार मूल्य से कम है. यहां तक कि बीजेपी नेताओं ने भी ट्रस्ट पर लगे आरोपों का बचाव किया था.