अयोध्या का रामलला मंदिर अगले साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसमें आने-जाने के रास्ते दो मंजिला होंगे. बाहर जाने का रास्ता सुरंग से होकर गुजरेगा. यानी आने जाने का रास्ता दो मंजिला होगा. पहली मंजिल पर आने वाले और भूतल पर जाने वाले श्रद्धालुओं का रास्ता होगा.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अधिकारियों के मुताबिक ऐसी योजना है कि दर्शनार्थी पूर्व दिशा से सिंह द्वार से होते हुए भगवान राम के दर्शन करने के बाद भोग मंडप और फिर गर्भगृह से होते हुए बाहर निकल जाएंगे. लौटने का मार्ग उत्तर पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में खुलेगा. भारतीय वास्तु शास्त्र के मुताबिक ईशान कोण में ईश यानी देवी देवताओं का निवास होता है.
नागर शैली में बन रहा मंदिर
ऐतिहासिक रूप से बनने वाले इस मंदिर में अत्याधुनिक तकनीक का बहुत सूझबूझ से प्रयोग किया गया है. इसके जरिए भारतीय प्राचीन वास्तु स्थापत्य निर्माण कला की नागर शैली के शिल्प को अपनाया गया है. मंदिर में प्रवेश का रास्ता अलग है और निकास का रास्ता बिल्कुल अलग. वास्तुकारों ने यह बताया की अलग-अलग रास्ते बनाने के पीछे बड़ा कारण यह है कि एक तो यह सुरक्षा की दृष्टि से उत्तम है और दूसरा वास्तु की दृष्टि से भी.
राम मंदिर का 50% काम पूरा
अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर का 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के एक सदस्य ने पिछले दिनों यह जानकारी दी है. बताया गया है कि जनवरी 2024 में भक्तों के लिए इस राम मंदिर को खोल दिया जाएगा और भगवान राम और दूसरे भगवानों की मूर्ति भी स्थापित होगी. जिस रफ्तार से मंदिर निर्माण चल रहा है, दावा ये भी है कि अगले साल दिसंबर तक मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार कर लिया जाएगा और फिर 2024 में इस श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा.
1800 करोड़ रुपये निर्माण में होंगे खर्च
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य के मुताबिक राम मंदिर को बनाने में करीब 1800 करोड़ रुपये लगेंगे. हर हिंदू भगवान को इस मंदिर में उचित स्थान और जगह दी जाएगी. जिस प्लान पर इस समय काम किया जा रहा है, उसके मुताबिक राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ वाल्मीकि, शबरी, जटायु, सीता, गणेश जी, और लक्ष्मण जी के मंदिर भी बनवाए जाएंगे. इन मंदिरों के निर्माण के लिए राम मंदिर के आसपास 70 एकड़ का इलाका भी चयनित कर लिया गया है.
ऐसा भव्य होगा राम मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, मंदिर के गर्भ गृह के 7 गुण मंडप रंग मंडप व नृत्य मंडप वाशिंग द्वार के रूप में अलग-अलग भाग भी हैं, जिनकी पूरी लंबाई 380 फिट है और सभी का निर्माण एक साथ किया जा रहा है.
राम मंदिर इतना भव्य होगा कि मंदिर में दो मंजिला एक परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण किया जा रहा है. मंदिर के पूर्वी भाग में तो सैंडस्टोन से बना एक द्वार भी रखा जाएगा. ऐसे में तैयारी सारी कर ली गई है, अब इसी प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए दिन रात काम किया जा रहा है.