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जहां मोदी को दशहरे में आना है, वहां रामलीला का मंच हुआ धराशाई

जब से यह खबर आई कि नरेंद्र मोदी दशहरे के दिन दिल्ली के बजाए लखनऊ में आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, तब से यहां तैयारियां जोरों पर थीं.

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गिरा हुआ रामलीला का मंच
गिरा हुआ रामलीला का मंच

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लखनऊ के जिस ऐशबाग रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशहरे के दिन रावण वध के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, बुधवार को वहां का पूरा मंच बारिश और आंधी की वजह से धराशाई होकर गिर पड़ा. यहां 1 अक्टूबर से रामलीला चल रही थी. आयोजकों ने बताया कि मंच गिर जाने की वजह से कम से कम एक-दो दिन के लिए रामलीला स्थगित करनी पड़ेगी.

जब से यह खबर आई कि नरेंद्र मोदी दशहरे के दिन दिल्ली के बजाए लखनऊ में आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, तब से यहां तैयारियां जोरों पर थीं. यह पहला मौका होगा, जब कोई प्रधानमंत्री दशहरे के दिन लखनऊ के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. लखनऊ के ऐशबाग की रामलीला मैदान का बहुत ही ऐतिहासिक महत्व है. कहा जाता है कि यही देश की सबसे पुरानी रामलीला है और असल में रामलीला की शुरुआत भी यहीं करीब 500 साल पहले हुई थी. अंग्रेजो से पहले जब देश में मुगलों का शासन था, उस वक्त भी ऐशबाग की रामलीला मशहूर थी.

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खास बात यह भी है कि ऐशबाग रामलीला मैदान के ठीक सामने लखनऊ की सबसे बड़ी ईदगाह मस्जिद है. ऐशबाग मुस्लिम बहुल इलाके में है और यहां पर रामलीला देखने आने वालों में बड़ी संख्या में मुस्लिम भी होते हैं. एक समय था जब ऐशबाग के रामलीला मैदान में असली हाथी घोड़ो के साथ रामलीला होती थी, लेकिन अब यहां पर मंच बनाकर हाईटेक तकनीकी का इस्तेमाल करके शानदार रामलीला का आयोजन किया जाता है.

आतंकवाद हो सकती है थीम
उत्तर प्रदेश में चुनाव के माहौल को देखते हुए बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि वह दशहरे के दिन लखनऊ आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लें ताकि कार्यकर्ताओं का जोश दोगुना हो जाए. इस बार रामलीला का मंच थाईलैंड के मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है. हर बार रामलीला मंच का एक थीम भी होता है. पिछले साल यह गौ हत्या प्रतिबंध था और माना जा रहा है कि इस बार की थीम आतंकवाद से जुड़ी हो सकती है. पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव और सर्जिकल स्ट्राइक पर मचे विवाद के बीच प्रधानमंत्री के लखनऊ आने से इस रामलीला पर सबकी निगाहें होंगी.

तैयारी में जुटा प्रशासन
आंधी बारिश की वजह से मंच गिर जाने के फौरन बाद यहां के आयोजकों ने क्रेन मंगाकर मंच को जल्दी से ठीक-ठाक करके फिर से तैयार करने में जुट गए हैं. उधर प्रधानमंत्री के आने की खबर के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी तैयारियों में जुट गए हैं और सुरक्षा इंतजाम को लेकर बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई.

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