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Ayodhya: रामनवमी पर रामलला के दर्शन का समय बदला, जानिए क्या है नई टाइमिंग

Ram Navami 2022: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक इस बार भगवान श्रीराम की दर्शन का समय राम नवमी पर बढ़ाई जाएगी.

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भगवान राम (सांकेतिक तस्वीर)
भगवान राम (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रामनवमी को लेकर अयोध्या में जबरदस्त तैयारी
  • रामलला के दर्शन की अवधि को बढ़ाया जाएगा

Ram Navami 2022: राम की नगरी अयोध्या में रामनवमी के पर्व को लेकर जबरदस्त तैयारियां चल रही है. इस साल की जो रामनवमी मनाई जाएगी, वो बहुत भव्य होगी. इस मौके पर भगवान राम के दर्शन को लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे. इसको देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खासा इंतजाम किए. उसने मंदिर में रामलला के दर्शन के समय अवधि को बढ़ाया ताकि श्रद्धाओं को कोई दिक्कत ना हो. यह जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है.

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श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक इस बार भगवान श्रीराम की दर्शन की अवधि श्री राम नवमी पर बढ़ाई जाएगी. अभी तक दर्शन सुबह 7 बजे से 11 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक प्रवेश होता था. रामनवमी पर इस अवधि को बढ़ाया जाएगा. श्रद्धालुओं की संख्या के कारण ही बढ़ेगा. हमें उम्मीद है 10 से 15 लाख श्रद्धालु यहां आखिर के 3 दिन 8 अप्रैल, 9 अप्रैल और 10 अप्रैल रहेंगे, ऐसा हमारा भरोसा है. 

साथ ही चंपत राय ने लोगों को राम नवमी के अवसर पर अयोध्या आने के लिए आमंत्रित भी किया है. उनका कहना, 'इस बार कोरोना वायरस का कोई भय नहीं है. लोगों से हाथ जोड़कर विनती है कि वह अयोध्या में आकर भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाएं. भगवान के भोग का प्रसाद भी मिलेगा. एक बार फिर कोरोना वायरस के पहले के दौर में जब 10 से 15 लाख लोग रामनवमी पर अयोध्या आते थे. वैसा ही दृश्य दिखाई देगा. इसलिए आप आइए आपके स्वागत के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की पूरी तैयारी है.' 

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राम जन्मोत्सव को लेकर कैसी हैं तैयारियां 

अब आपको श्री राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला का जन्मोत्सव इस बार कैसे मनाया जाएगा. इस बारे में बताते हैं. नवरात्र के पहले दिन चांदी के कलश की स्थापना होगी. नौ ग्रह की पूजा होगी. सभी देवी देवताओं का आवाहन होगा. 9 दिन तक विधि विधान के साथ पूजा आराधना होगी. अस्थाई मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा. रामलला को नए वस्त्र पहनाए जाएंगे. भांति-भांति के श्रृंगार किए जाएंगे. 56 भोग परोसे जाएंगे. यही नहीं पहली बार भगवान को भोग लगाए गए पकवानों को श्रद्धालुओं में भी वितरित किया जाएगा. यानि कोविड 19 काल के बाद इस बार की रामनवमी ऐसी होगी जिसके बारे में कहा जाता है कि राम जन्म के अवसर पर सारे तीर्थ मानव रूप में खुद अयोध्या राम जन्म उत्सव में शामिल होने के लिए आते हैं. 

यहां पर आपके मन में एक सवाल उठ सकता है कि जब श्रीरामजन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि कोरोना वायरस काल के पहले 10 से 15 लाख लोग अयोध्या राम जन्मोत्सव में भाग लेने आते थे और इस बार तो खुद राम मंदिर ट्रस्ट ही हाथ जोड़कर लोगों को आमंत्रित कर रहा है. ऐसे में जब संख्या बढ़ेगी तो इतने लोग रामलला का दर्शन कैसे कर पाएंगे. तो राम मंदिर ट्रस्ट ने पहले ही इसका इंतजाम कर लिया है इसलिए राम जन्मोत्सव को देखते हुए श्रीराम मंदिर में दर्शन की अवधि इस बार बढ़ाई जाएगी. यह अवधि सुबह 7 बजे के स्थान पर 6 बजे और दोपहर 11 के स्थान पर 12 बजे तक इसी तरह द्वितीय पाली में भी 2 बजे से 6 बजे की 4 घंटे की दर्शन अवधि को भी बढ़ाया जाएगा. 

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